जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए IIT दिल्ली और केंद्रीय जल आयोग के बीच करार
आईआईटी दिल्ली और केंद्रीय जल आयोग ने जल संसाधन प्रबंधन में डेटा साइंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के उपयोग के लिए एक समझौता किया है। यह सहयोग बाढ़ प्रबंधन जल गुणवत्ता विश्लेषण और सिंचाई प्रबंधन में सुधार करेगा। आईआईटी दिल्ली के छात्रों को सीडब्ल्यूसी में इंटर्नशिप और सीडब्ल्यूसी अधिकारियों को आईआईटी दिल्ली में पीएचडी का अवसर मिलेगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली और जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत देश की प्रमुख तकनीकी संस्था केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने जल संसाधन प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग के उपयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौते पर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार सिन्हा और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने हस्ताक्षर किए।
समझौते के तहत दोनों संस्थान जल संसाधन प्रबंधन के लिए हाइड्रो-इन्फॉर्मेटिक्स उपकरणों और तकनीकों का उपयोग, नवीनतम तकनीकों के माध्यम से बाढ़ प्रबंधन, पर्यावरणीय प्रवाह व्यवस्था का आकलन, जल गुणवत्ता विश्लेषण, नवीनतम साफ्टवेयर/तकनीकों द्वारा जल संसाधन संरचनाओं की डिजाइन, नदी बेसिन प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन जैसे कार्य मिलकर करेंगे।
इसके अलावा आईआईटी दिल्ली के स्नातक, परास्नातक और पीएचडी छात्रों को सीडब्ल्यूसी मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे।
सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों को आईआईटी दिल्ली में पीएचडी में नामांकन का अवसर मिलेगा। सीडब्ल्यूसी के अधिकारी, छात्रों के लिए विशेष प्रशिक्षण माड्यूल भी लेंगे।
दोनों संस्थान संयुक्त रूप से अनुसंधान परियोजनाओं, कार्यशालाओं, सेमिनारों और लघु प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
समझौता ज्ञापन के दौरान दोनों संस्थानों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें प्रो. धान्या सीटी (एसोसिएट डीन, अकादमिक), प्रो. वसंत मत्सगर (प्रमुख, सिविल इंजीनियरिंग विभाग), भोपाल सिंह (सदस्य, डिजाइन एवं अनुसंधान, सीडब्ल्यूसी), भूपिंदर सिंह (मुख्य अभियंता, मानव संसाधन प्रबंधन और सुनील कुमार निदेशक, प्रशिक्षण, सीडब्ल्यूसी शामिल रहे।
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