सरस और IIT BHU ने मिलाया हाथ, मिलकर तैयार करेंगे भारत का AI फ्यूचर
भारत को ग्लोबल एआई लीडर बनाने के लिए सरस एआई इंस्टीट्यूट और आईआईटी बीएचयू ने हाथ मिलाया है। इस पार्टनरशिप का मकसद एआई एजुकेशन को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और इंडस्ट्री और एजुकेशन के बीच के गैप को भरना है। मिलकर एक नया 8-सप्ताह का कोर्स पॉवर्स ऑफ एआई लॉन्च करेंगे जो किसी भी स्टूडेंट के लिए खुला रहेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को ग्लोबल एआई लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, अमेरिका में स्थापित दुनिया के पहले 100% ऑनलाइन एआई एजुकेशनल इंस्टिट्यूट सरस एआई इंस्टीट्यूट और आईआईटी बीएचयू ने एक अहम साझेदारी (एमओयू) की है।
इस पार्टनरशिप का मकसद एआई एजुकेशन को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है, इंडस्ट्री और एजुकेशन के बीच का गैप भरना और आने वाले सालों में भारत को 'विकसित भारत 2047' विजन की ओर ले जाना।
सरस और आईआईटी बीएचयू मिलकर एक नया 8-सप्ताह का कोर्स लॉन्च करेंगे- 'पॉवर्स ऑफ एआई', जो किसी भी स्टूडेंट के लिए खुला रहेगा, भले ही वो इंजीनियरिंग, ह्यूमैनिटीज या किसी अन्य स्ट्रीम से हो।
थ्योरी नहीं रियल स्किल्स पर होगा फोकस
इस कोर्स के लिए न कोडिंग का अनुभव जरूरी है और न ही गणित की गहरी समझ। ये कोर्स प्रोजेक्ट-बेस्ड होगा, जिसमें स्टूडेंट्स रियल-लाइफ प्रोजेक्ट्स बनाएंगे। इस कोर्स में थ्योरी की बजाय रियल स्किल्स पर फोकस रहेगा।
आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रोफेसर अमित पत्रा ने कहा, 'हमारा फोकस है कि स्टूडेंट्स को एआई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तैयार करें, जिससे वह भारत के भविष्य निर्माण में अपना योगदान करें। सरस के साथ मिलकर हम एआई एजुकेशन को हर स्ट्रीम में पहुंचाना चाहते हैं, ताकि हर स्टूडेंट इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन सके।'
सरस के को-फाउंडर और सीओओ अमित कटारिया ने कहा, 'ये पार्टनरशिप सिर्फ एआई सिखाने के लिए नहीं है, बल्कि हर स्टूडेंट को ये ताकत देने के लिए है कि वो भारत के एआई युग को लीड कर सके।'
सरस के चीफ स्टूडेंट सक्सेस ऑफिसर शैलेश कुमार ने इसे 'स्टूडेंट एक्सपीरियंस को एक नई ऊंचाई तक ले जाने वाला कदम' बताया।
स्टूडेंट्स को मिलेंगी तीन डिग्रियां
इस पार्टनरशिप के तहत सरस और आईआईटी बीएचयू एक एडवांस्ड एआई प्लेटफॉर्म 'एआई इवैल्यूएटर' भी तैयार करेंगे, जो स्टूडेंट की लर्निंग को रियल-टाइम में ट्रैक करेगा, पर्सनल फीडबैक देगा और लर्निंग आउटकम्स को बेहतर बनाएगा।
साथ ही स्टूडेंट्स को एआई में माइनर डिग्री, एसोसिएट डिग्री और इंडस्ट्री-सर्टिफाइड कोर्सेज करने का मौका मिलेगा वो भी पूरी तरह डिजिटल मोड में। इसके अलावा, जॉइंट रिसर्च, AI हैकथॉन, वर्कशॉप्स और गेस्ट लेक्चर्स भी इस MoU का हिस्सा हैं।
सरस का मानना है कि एआई की दुनिया में इंडिया की लीडरशिप सिर्फ टेक्निकल स्किल्स से नहीं, बल्कि एथिकल और जिम्मेदार लीडरशिप से बनेगी। इसलिए हर कोर्स में मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी जोर रहेगा।
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