हजार शब्दों के बराबर होती है एक तस्वीर, फोटो खींचने के लिए तकनीकी ज्ञान होना जरूरी : प्रो. संजय द्विवेदी
आईआईएमसी के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थियों ने फोटोग्राफी प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस मौके पर संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय जन संचार संस्थान के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित फोटोग्राफी प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। जहां तस्वीर खींचने के लिए तकनीकी ज्ञान का होना जरूरी है, वहीं फ्रेम बनाने के लिए फोटोग्राफर का कलात्मक होना भी जरूरी है। तभी एक संदेश युक्त और सही नजरिए को बयां करती हुई तस्वीर ली जा सकती है।

इस अवसर पर अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार एवं विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. मीता उज्जैन सहित संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
"फोटोग्राफी विज्ञान और कला का मिश्रित रूप"
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि फोटोग्राफी विज्ञान और कला का मिश्रित रूप है। सारे भाव और शब्द एक फोटो में लाना अपने आप में एक कला है और ये कला जिसे समझ आ गई, वही सच्चा फोटोग्राफर है। संस्थान के अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल ने कहा कि फोटोग्राफी से संबंधित तकनीकी बारीकियों का ज्ञान मिलने से विद्यार्थियों को अपने प्रोफेशन के साथ-साथ एक नई विधा को जानने और समझने का अवसर मिला है।
वरिष्ठ फोटो पत्रकार श्री भागीरथ बासनेत द्वारा तीन दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला के बाद विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया। श्री भागीरथ ने अपनी कार्यशाला में छात्रों को फोटोग्राफी की बारीकियां और उससे जुड़ी तकनीक सिखाई। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने फोटोवॉक के माध्यम से दिल्ली के अनेक रंगों को अपने कैमरे में कैद किया।
फोटोग्राफी प्रदर्शनी में छात्रों द्वारा क्लिक की गई 150 से अधिक तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में लाइव म्यूजिक, ओपन माइक और कैप्शन राइटिंग प्रतियोगिता के साथ आईआईएमसी के सभी विभागों के विद्यार्थियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।

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