त्वचा पर फंगल संक्रमण से हैं परेशान तो पढ़ें डॉक्टर की सलाह, इन दवाओं से होता है फायदा
इस शोध को अमेरिका के मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है। त्वचा पर फंगल संक्रमण से पीडि़त 42 मरीजों पर यह शोध किया गया। उनके इलाज के बाद बीमारी काफी हद तक ठीक हो गई थी लेकिन चार सप्ताह बाद दोबारा संक्रमण हो गया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। त्वचा पर दाद जैसे फंगल संक्रमण की बीमारी सामान्य है। लेकिन इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं बेअसर होने लगी हैं। इस वजह से त्वचा पर फंगल संक्रमण की बीमारी का इलाज मुश्किल हो गया है। इसके मद्देनजर आरएमएल अस्पताल के त्वचा रोग विभाग के डाक्टरों ने शोध कर कुछ ऐसी दवा और क्रीम का पता लगाया है जिसके संयुक्त इस्तेमाल से त्वचा पर फंगल संक्रमण का प्रभावी इलाज हो सकेगा।
इस शोध को अमेरिका के मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है। त्वचा पर फंगल संक्रमण से पीडि़त 42 मरीजों पर यह शोध किया गया। उनके इलाज के बाद बीमारी काफी हद तक ठीक हो गई थी लेकिन चार सप्ताह बाद दोबारा संक्रमण हो गया। इस वजह से उन मरीजों के सैंपल लेकर कल्चर जांच व जीन म्यूटेशन जांच की गई तो 21 ऐसे मरीजों की पहचान की गई जिन्हें ट्राइकोफाइटन मेंटाग्रोफाइट्स फंगस से संक्रमण हुआ था। इनमें से आठ मरीजों को टरबिनाफिन, 11 मरीजों को इट्राकोनाजोल व तीन मरीजों को फ्लुकोनाजोल की गोली खाने के लिए दी गई थी।
आरएमएल अस्पताल के त्वचा रोग विभाग के प्रोफेसर डा. कबीर सरदाना ने कहा कि ये दवाएं पिछले कुछ सालों से दाद के इलाज में असरदार साबित नहीं हो रही हैं। इलाज में ज्यादातर इसी दवा से इलाज होता है। इस वजह से कई डाक्टर इस दवा के साथ-साथ कई दूसरी दवाएं भी देने लगे थे। कई जगहों पर कंबाइंड डोज की दवाएं तैयार कर मरीजों को दी जाने लगी थीं। इससे भी मरीजों को ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था। शोध के दौरान कल्चर जांच कर देखा कि कौन सी दवाएं इलाज में प्रभावी हो सकती हैं जिसमें पाया गया कि इट्राकोनाजोल दवा खाने के साथ यदि प्रभावित हिस्से पर केटोकोनाजोल क्रीम का या लुलिकोनाजोल क्रीम लगाई जाए तो यह फायदेमंद है।
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