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    'भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच कर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो', BJP के आरोपों पर दिल्ली सरकार का जवाब

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 09:55 PM (IST)

    दिल्ली सरकार ने कहा है उनके मंत्री कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग से संबंधित अधिकांश फाइलों पर लिखते रहे हैं कि अस्पतालों और अन्य स्थानों पर संविदा जनशक्त ...और पढ़ें

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    भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच कर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। निजी ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति में एसीबी जांच पर दिल्ली सरकार ने कहा है उनके मंत्री कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग से संबंधित अधिकांश फाइलों पर लिखते रहे हैं कि अस्पतालों और अन्य स्थानों पर संविदा जनशक्ति की भर्ती में घोर भ्रष्टाचार हुआ है।

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    इस मामले पर उनके मंत्रियों की सचिव स्वास्थ्य समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से दर्जनों बार चर्चा हो चुकी है। मगर आम तौर पर अधिकारी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से कतराते हैं। दिल्ली सरकार ने कहा है कि उनके मंत्री ने याचिका समिति के अध्यक्ष रहने के दौरान भी इस मामले में विस्तृत विचार-विमर्श किया था। लेकिन याचिका समिति की अनुशंसा पर अधिकारियों द्वारा कुछ नहीं किया गया।

    जनशक्ति को काम पर रखने में भ्रष्टाचार

    सरकार के अनुसार संविदा डेटा एंट्री ऑपरेटरों के मामले में भी मंत्री ने संविदा जनशक्ति को काम पर रखने में भ्रष्टाचार के बारे में दर्जनों फाइलों पर लिखा है। निजी ठेकेदारों के माध्यम से जनशक्ति लेने की इस प्रथा को रोकने और इसके बजाय आईसीएसआईएल जैसे सरकारी सार्वजनिक उपक्रम के माध्यम से जनशक्ति को काम पर रखने के लिए फाइल को आगे बढ़ाया गया था। अधिकारियों द्वारा पैदा की गई कई बाधाओं के बाद नीति को कैबिनेट द्वारा पारित भी कर दिया गया। मगर एलजी ने उस निर्णय को भी लागू नहीं किया है।

    मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को एक विस्तृत नोट भेजा

    सरकार के अनुसार अभी कुछ दिन पहले भी मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को एक विस्तृत नोट भेजा था और फिर से निजी ठेकेदारों के माध्यम से जनशक्ति को काम पर रखने की प्रथा को रोकने और राज्य सरकार और केंद्र सरकार के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से जनशक्ति को काम पर रखना शुरू करने का निर्देश दिया था।

    सरकार के अनुसार गत 19 जुलाई काे एक नोट में मंत्री ने कई घटनाओं को याद किया जहां सचिव (स्वास्थ्य) की उपस्थिति में संविदा जनशक्ति द्वारा ऐसी शिकायतें की गई थीं। मगर फाइल पर बार-बार निर्देशों के बावजूद ज़मीनी स्तर पर चीज़ें नहीं बदली हैं।

    सरकार ने कहा है कि इस भ्रष्ट आचरण को जारी रखने के लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। गहन जांच से यह पता चलना चाहिए कि स्वास्थ्य मंत्री के बार-बार याद दिलाने के बावजूद अधिकारियों ने अपनी आंखें क्यों बंद कर रखी थीं।

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