Ganesh Utsav: सजा और जुर्माने को दरकिनार कर यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन के लिए पहुंच रहे लोग
Ganesh Utsav दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने यमुना नदी में प्रदूषण को देखते हुए मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई है। नियमों का उल्लंघन करने पर छह वर्ष की जेल व 50 हजार रुपये का जुर्माना का प्रविधान है।

नई दिल्ली [आशीष सिंह]। Ganesh Utsav: राजधानी में गणेश चतुर्थी का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव को संपन्न होने में शेष दिन बचे हैं। ऐसे में श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन की तैयारी में जुट गए हैं। यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक के बावजूद कई श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन करने पहुंच रहे थे। मामला जब प्रशासन संज्ञान में आया तो सोमवार को आइटीओ यमुना नदी के पास सिविल डिफेंस कर्मी तैनात दिखे। मूर्ति विसर्जन को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर कर्मी लोगों को सूचित करते नजर आए।
वे श्रद्धालुओं को गीता कालोनी में बने कृत्रिम तालाब में विसर्जन करने के लिए भेज रहे हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने यमुना नदी में प्रदूषण को देखते हुए मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई है। नियमों का उल्लंघन करने पर छह वर्ष की जेल व 50 हजार रुपये का जुर्माना का प्रविधान है।
यहां पहुंचे श्रद्धुलाओं ने बताया कि न यमुना नदी पर विसर्जन करने के लिए अनुमति दी जा रही और न ही यहां कोई कृत्रिम तालाब का विकल्प दिया गया है। इससे विसर्जन करने में परेशानी आ रही है। हालांकि, कई लोगों ने घरों व पार्कों में कृत्रिम तालाब बानकर विसर्जन कर रहे हैं।
करोल बाग के देव नगर मल्टी स्टोरी क्वाटर्स में कई मराठी परिवार रहते हैं। जिससे यहां विशेष रूप से गणेश उत्सव पर पूजा के लिए महाराष्ट्र से पुजारी आए हैं। विनय कुमार लौंडे ने बताया कि सुबह से ही पूजा शुरू हो जाती है। मोदक का भोग लगाया जाता है।
हर दिन मीठे चावल व खीर का प्रसाद बनाया जा रहा है। प्रवात कुमार सारंगी व प्रशांत बेहरा के घर पर भी इस तरह का उत्साह है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के पूर्व अध्यक्ष अनिल पटनायक ने बताया कि कालोनी में धूम-धाम से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है।
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