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टोक्यो पैरालिंपिक में इतिहास रचने वाले देश के होनहार IAS अधिकारी सुहास ने बताया अपनी कामयाबी का राज

टोक्यो पैरालिंपिक में इतिहास रचने वाले देश के होनहार IAS अधिकारी सुहास एलवाई का दिल्ली एयरपोर्ट पर शानदार स्वागत किया गया। इसके अलावा नोएडा पहुंचने पर भी उनका स्वागत किया गया। उनके ऊपर लोग फूल बरसा रहे थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 08:27 AM (IST)
बैडमिंटन खिलाड़ी व नोएडा के डीएम सुहास एलवाई अपनी पत्नी ऋतु सुहास के साथ।

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। यूं तो पैरालिंपिक खिलाड़ियों के दल के हर सदस्य की एक झलक पाने को आइजीआइ टर्मिनल 3 पर मौजूद लोग आतुर थे, लेकिन सुहास एल यतिराज के प्रति लोगों के मन में विशेष उत्सुकता थी। लोगों के लिए यह अपने आप में एक आश्चर्य था कि एक व्यक्ति जिसने कड़ी मेहनत से भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की हो, देश के एक जिले का जिलाधिकारी है, वह खेल के क्षेत्र में भी इतनी बड़ी सफलता कैसे हासिल कर सकता है। वह बच्चों को सफलता के बारे में बताते हुए यह समझा रहे थे कि मेहनत के बूते कोई भी शख्स कुछ भी हासिल कर सकता है।

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टर्मिनल पर स्वागत के शोर के बीच वे जो कह रहे थे, उसे सुनने की लोग हरसंभव कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपने प्रशंसकों से कहा कि जिंदगी में जो चाहत हो, उसे पाने की कोशिश पूरे मन से करनी चाहिए। संभव है कि एक बार के प्रयास में सफलता नहीं मिले, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम प्रयास करना छाेड़ दें। मेहनत हर हाल में अपना रंग दिखाती है। उन्होंने कहा कि मैं देश के लोगों को धन्यवाद कहता हूं। यह पदक देश के हर व्यक्ति का है।

टर्मिनल से बाहर निकलने पर खुली जीप में सवार होने के बाद जब वे लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे, तब लोग उनकी शालीनता की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। जिस किसी से भी उनकी आंख मिलती, वे एक बार मुस्कुराकर उसका अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। उनके मुंह से धन्यवाद शब्द सैकड़ों बार उन करीब 15 मिनट के लम्हे में निकले होंगे जब भीड़ ने उनकी खुली जीप को घेरे रखा।

पंजाब से आए बलकार सिंह का कहना था यूं तो पैरालिंपिक का प्रत्येक खिलाड़ी दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है लेकिन सुहास की कहानी ऐसी है जो देश ही नहीं पूरी दुनिया के युवाओं को प्रेरित करने के योग्य है। बलकार सिंह ने कहा कि जब वे अपने घर पहुंचेंगे तब अपने बेटे को कहेंगे कि वह एक बार गूगल कर सुहास के बारे में जाने और उनके पदचिन्हों पर चले और देश का नाम रोशन करे।

जब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को मिला उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ

टर्मिनल 3 पर सुहास के आगमन को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के कई जवानों की यहां डयूटी लगी थी। टर्मिनल पर जब पैरालिंपिक खिलाड़ियों के स्वागत के लिए जुटी लोगों की भीड़ में शारीरिक दूरी से जुड़े नियम टूटने लगे तब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों का काफी सहयोग मिला।

वे सुहास की सुरक्षा के साथ साथ वहां मौजूद भीड़ को भी संभाल रहे थे। केंद्रीय औद्याेगिक सुरक्षा बल के जवान सुहास को घेरे में लिए हुए थे वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान वहां मौजूद भीड़ को नियंत्रित कर रही थी।

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