ऐसे बनाएं टेलीकम्युनिकेशन में करियर, जॉब्स के बढ़ रहे मौके; आकर्षक सैलरी
हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 16 राज्यों के गांवों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए 19 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दिये जाने से जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी अच्छी कनेक्टिविटी की उम्मीद की जा रही है।

नई दिल्ली, फीचर डेस्क। केंद्र सरकार की ओर से हाल में भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत उपलब्ध कराए गए फंड से तीन लाख साठ हजार गांवों को ब्राडबैंड सेवाओं से जोड़ने की तैयारी चल रही है। इससे पहले 1.56 लाख ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड से जोड़ा जा चुका है। इससे यह साफ है कि शहरों के बाद सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी सरकार का जोर नेट कनेक्टिविटी बढ़ाने पर है। दरअसल, मेडिकल और पुलिस सेवा की तरह ही देश में टेलीकॉम सेक्टर को भी आवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा गया है। कोविड के दौरान जब सब कुछ ठप था, लोग घरों में रहने को मजबूर थे, तब टेलीकम्युनिकेशन हमारे लिए कितना उपयोगी साबित हुआ, यह हम सभी देख चुके हैं।
आज वर्क फ्राम होम या वर्चुअल मीटिंग हो या फिर वेबिनार, आनलाइन लर्निंग, आनलाइन पेमेंट या आनलाइन गेमिंग, यह सब इस टेलीकम्युनिकेशन की ही देन है कि महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में भी सारा काम निर्बाध रूप से चलता रहा है। यही वजह है कि सरकार भी इस सेक्टर को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसलिए पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर में कलपुर्जों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई, ताकि आत्मनिर्भरता के साथ-साथ युवाओं के लिए बड़ी संख्या में नौकरियों के मौके भी पैदा किये जा सकें। साथ ही, लोगों के डिजिटल कामकाज को गति देने के लिए अगले साल 5जी सेवाएं शुरू करने की भी तैयारी है। जाहिर है, इस क्षेत्र में युवाओं के लिए आगे करियर की व्यापक संभावनाएं बनी रहेंगी।
डाटा खपत से बढ़ती उम्मीदें: एरिक्सन मोबिलिटी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक भारत में कुल मोबाइल यूजर्स में करीब 98 फीसद के पास स्मार्टफोन होगा और उस समय तक प्रति वयक्ति डाटा खर्च बढ़कर करीब तीन गुना तक पहुंच जाएगा, जो अभी औसतन 14.6 जीबी के लगभग है। वैसे भी देखा जाए, तो कोविड के बाद मोबाइल पर डाटा का उपयोग कई गुना तेजी से बढ़ा है। घर की जरूरत की चीजों की खरीदारी से पढ़ाई-लिखाई जैसी तमाम गतिविधियां अब आनलाइन ही होने लगी हैं। सिनेमाहाल और मल्टीप्लेक्स बंद होने से लोग ओटीटी (ओवर द टॉप) के जरिये फिल्में, वेब सीरीज भी देख रहे हैं। बच्चे वीडियो गेमिंग से आनलाइन गेमिंग की तरफ आ गए हैं। सो, डाटा की जरूरतें बहुत तेजी से बढ़ी हैं। एक आंकड़े के अनुसार, आज की तुलना में 2026 तक वीडियो का इस्तेमाल भी 66 फीसद से बढ़कर 77 फीसद तक पहुंच जाएगा यानी मैसेजिंग से लेकर इंटरनेट मीडिया पर प्रचार-प्रसार के लिए भी इसी का ज्यादा इस्तेमाल होगा। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में दूरदराज के क्षेत्रों में ब्राडबैंड की कवरेज बढ़ाने के लिए फाइबर बिछाये जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर की भूमिका और बढ़ जाएगी।
करियर के आकर्षक मौके: स्मार्ट फोन के विस्तार के साथ डाटा की जरूरत बढ़ने से जहां एक ओर इस क्षेत्र में बिजनेस के नित नये अवसर निर्मित होंगे, वहीं निकट भविष्य में यह रोजगार पैदा करने वाले शीर्ष सेक्टर्स में से एक होगा। टेलीकॉम सेक्टर में टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल दो तरह के युवाओं के लिए करियर के मौके हैं। अगर आपने टेलीकम्युनिकेशन में कोई टेक्निकल कोर्स कर रखा है, तो यहां टेलीकॉम सॉफ्टवेयर इंजीनियर, टेलीकॉम सिस्टम सॉल्युशन इंजीनियर, कम्युनिकेशन इंजीनियर, नेटवर्क इंजीनियर जैसे पदों पर नौकरी पा सकते हैं। वहीं, नॉन-टेक्निकल पृष्ठभूमि के लोग ऑपरेटिंग, इंस्टॉलिंग और मेंटिनेंस जैसे एरिया से जुड़कर अपना करियर बना सकते हैं। टेलीकम्युनिकेशन में बीई/बीटेक कोर्स करने वालों की आजकल इससे जुड़े दूसरे सेक्टर्स में भी डिमांड है, जैसे कि टेलीफोन/मोबाइल इंडस्ट्री, कंप्यूटर इंडस्ट्री, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, फाइबर आप्टिक्स कम्युनिकेशन सिस्टम्स इत्यादि। डिप्लोमा, आइटीआइ जैसे कोर्स करके भी युवा यहां टेक्निशियन के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं।
कोर्स एवं योग्यता: टेलीकम्युनिकेशन जैसे तकनीकी फील्ड में आने के लिए कम्युनिकेशन स्किल, कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग, टेक्निकल राइटिंग जैसी स्किल्स होनी चाहिए। अभी देश के विभिन्न संस्थानों द्वारा टेलीकम्युनिकेशन में स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स कराए जा रहे हैं। बीई या बीटेक में प्रवेश के लिए 12वीं परीक्षा पीसीएम विषयों से पास होना आवश्यक है, जबकि दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए उसी स्ट्रीम में बीई या बीटेक की डिग्री आवश्यक है। डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा के लिए भी छात्र का स्नातक होना आवश्यक है। इसके अलावा, स्टूडेंट्स नेटवर्किंग, वायरलेस कम्युनिकेशन, नेटवर्क सिक्योरिटी, टेलीकॉम लॉ एवं पॉलिसी जैसे कोर्स करके भी इस फील्ड में आ सकते हैं।
सैलरी: टेलीकॉम इंडस्ट्री की बढ़ती जरूरत को देखते हुए इस फील्ड में अब युवाओं को अच्छी सैलरी भी आफर होने लगी है। किसी भी टेलीकॉम इंजीनियर को यहां शुरुआत में 40 से 50 हजार रुपये तक सैलरी मिल रही है। गैर तकनीकी पृष्ठभूमि के प्रोफेशनल्स भी शुरू में 20 से 25 हजार रुपये तक पा रहे हैं।
प्रमुख संस्थान
आइआइटी खड़गपुर, खड़गपुर/दिल्ली http://www.iitkgp.ac.in
बिड़ला इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, पिलानी www.bits-pilani.ac.in
एनआइईटी, ग्रेटर नोएडा www.niet.co.in
सिम्बॉयोसिस इंस्टीटयूट ऑफ टेलीकॉम मैनेजमेंट, पुणे www.sitm.ac.in
हाईलाइट्स
3 गुना तक बढ़ जाएगी प्रति वयक्ति डाटा खपत अपने देश में अगले पांच साल में।
120 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स की कुल संख्या हो जाएगी देश में वर्ष 2026 तक। अभी यह संख्या 81 करोड़ के लगभग है।
61 फीसद यूजर्स देश में अभी इस्तेमाल कर रहे हैं 4 जी डाटा।
(स्रोत: एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट-2021)
टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के जीएम सुधीर कुमार जैन ने बताया कि तेज नेटवर्क से बढ़ेंगी और ज्यादा संभावनाएं अगले 10-15 सालों तक भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री बूम पर रहने वाली है। यहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से लेकर टावर मेंटिनेंस एवं आपरेशन से जुड़ी कंपनीज के साथ-साथ सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनीज में भी रोजगार की बहुत संभावनाएं बनी रहेंगी। देश में 5जी नेटवर्क शुरू करने की भी तैयारी चल रही है। इसकी कनेक्टिविटी के लिए भी अलग टेक्नोलॉजी, उपकरण और टावर आदि की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में इन सब कार्यों के लिए भी इंडस्ट्री को प्रशिक्षित युवा चाहिए। कुल मिलाकर, भारत नेट प्रोजेक्ट समेत जितने भी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहे हैं, उससे जॉब्स के काफी मौके सृजित होंगे।
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