20 डिग्री तापमान पर AC चलाने से कितनी बचेगी बिजली? एक्सपर्ट ने दिया जवाब
काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के अनुसार भारत में एसी का उपयोग बढ़ रहा है जिससे बिजली की खपत बढ़ रही है। एसी को कम तापमान पर चलाने से बिजली का बिल और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं। तापमान को बढ़ाकर और टिकाऊ उपयोग को बढ़ावा देकर ऊर्जा बचाई जा सकती है। सरकार और उद्योगों को जागरूकता बढ़ानी चाहिए।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड आटर (सीईईडब्ल्यू) की कार्यक्रम निदेशक शालू अग्रवाल का कहना है कि भारत में बढ़ते तापमान के कारण एयर कंडीशनर (एसी) के उपयोग में तेजी से वृद्धि हो रही है।
निस्संदेह लोगों को वास्तव में कूलिंग की जरूरत है, लेकिन अक्सर एसी को बहुत कम तापमान पर चलाया जाता है, जिससे ज्यादा बिजली इस्तेमाल होती है। बिजली का बिल भी ज्यादा आता है और स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम भी हो सकते हैं।
कितने डिग्री सेल्सियस पर एसी चलाते हैं ज्यादातर लोग?
उन्होंने बताया कि सीईईडब्ल्यू के एक पूर्व सर्वेक्षण में पाया गया था कि लगभग 60 प्रतिशत भारतीय एसी उपभोक्ता अपनी एसी को 23 डिग्री सेल्सियस या उससे कम तापमान पर सेट करते हैं। अगर एसी के तापमान को 18 डिग्री सेल्सियस से बढ़ाकर 20 डिग्री सेल्सियस भी कर दिया जाए तो बिजली की खपत को 12 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है।
अगर नए खरीदारों (लगभग 50 लाख) में सिर्फ 30 प्रतिशत ही इस बदलाव अपना लें तो इससे हर साल 1.4 अरब यूनिट बिजली बचाई जा सकती है, जिससे एक से डेढ़ करोड़ घरों को एक महीने तक बिजली पहुंचाई जा सकती है।
बिजली की बढ़ती मांग ने बढ़ाई चिंता
शालू के मुताबिक एसी की बढ़ती मांग बिजली वितरण नेटवर्क पर भी दबाव डालती है। इससे बिजली आपूर्ति बाधित होती है और वोल्टेज भी गिरता है, जिससे एसी नहीं रखने वाले लोग भी प्रभावित होते हैं।
यह कदम भरोसमंद और किफायती बिजली को बढ़ावा देता है और उपभोक्ताओं को स्वस्थ, ऊर्जा-कुशल कूलिंग की आदतों की तरफ ले जाता है। सरकार और उद्योगों को जन-जागरूकता बढ़ाने और एसी के सस्टेनेबल इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस अवसर का उपयोग करना चाहिए।
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