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    Delhi Blast News: धमाके से घर और बेड तक हिल गए, कैमिकल वाला धुआं हवा में फैला; सांस लेना हुआ था मुश्किल

    Updated: Sun, 20 Oct 2024 08:37 PM (IST)

    Delhi Blast News दिल्ली के रोहिणी में सीआरपीएफ स्कूल के पास रविवार सुबह तेज धमाका हुआ। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के घरों के शीशे तक टूट गए। स्थानीय लोगों को लगा कि पड़ोस में किसी घर में सिलेंडर फट गया है। धमाके की आवाज तीन से चार किलोमीटर तक के लोगों को सुनाई दी। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई है।

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    सीआरपीएफ स्कूल की दीवार पर हुए धमाके के बाद घटना स्थल से साक्ष्य जुटाती एनएसजी की टीम।

    शमसे आलम, बाहरी दिल्ली। CRPF School Blast: प्रशांत विहार स्थित सीआरपीएफ स्कूल की बाहरी दीवार पर रविवार की सुबह तेज धमाका होने से स्थानीय लोगों को लगा कि पड़ोस में किसी घर में सिलेंडर विस्फोट हो गया। आनन-फानन घरों से बाहर निकल लोगों ने देखा तो हर तरफ सफेद धुएं का गुबार फैला हुआ था।

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    बदबू अधिक होने की वजह से लोग अपने घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे। करीब 20 मिनट तक उन्हें यह पता नहीं चल सका कि आखिर हुआ क्या है। धुएं का गुबार छंटने के बाद लोगों को पता चला कि स्कूल के बाहर धमाका हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार छुट्टी होने की वजह से वे अपनों घरों में सो रहे थे।

    कानों से सुनाई देना बंद, बेड और घर तक हिले

    धमाका होने से उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि उनके बेड व घर तक हिल रहे हैं। अधिकतर लोगों ने बताया कि उन्हें सिलेंडर ब्लास्ट या इमारत ढहने जैसा लगा। घटनास्थल के आसपास मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि कुछ देर तक उनके कानों से सुनाई देना तक बंद हो गया। बदबू भरे धुएं में उनका सांस लेना मुश्किल हो गया।

    दुर्गंध भरे धुएं से सांस लेना हुआ मुश्किल

    कई घरों में मौजूद बीमार व बुजुर्गों को भी कुछ समय के लिए दुर्गंध के बीच सांस लेने में परेशानी हुई। धमाके की आवाज तीन से चार किलोमीटर तक के लोगों को सुनाई दी।

    ये भी पढ़ें- दिवाली से पहले दिल्ली को दहलाने की साजिश, CRPF स्कूल की दीवार के पास धमाका; कारों और दुकानों के शीशे टूटे

    स्थानीय लोगों ने बताई आपबीती

    घटनास्थल के कुछ ही कदम पर रहती हूं। मैं सुबह सो रही थी, तभी जोरदार आवाज सुनाई दी। घर के सभी सदस्य भागकर बालकनी में आ गए। देखा तो स्कूल के पास धुएं का गुबार उठ रहा था। शुरू में लगा कि किसी दुकान में सिलेंडर फटा हो, घटनास्थल पर आने पर पता चला कि धमाका हुआ है। -रूचि

    हर रविवार को लेट उठती हूं। सो रही थी, तभी तेज धमाका हुआ। ऐसा लगा कि मेरा बेड हिल रहा हो। आसपास कोई इमारत गिरने की बात भी मन में आई। परिवार के सभी सदस्य जग गए। बाहर जाने पर पता चला कि स्कूल के पास धमाका हुआ है। -पूनम

    घटनास्थल के 100 मीटर की दूरी पर रहता हूं। धमाका इतना तेज था कि घर के शीशे टूट गए। नीचे गाड़ियों के भी शीशे टूट गए। घरों में सो रहे बच्चे डर के मारे रोने लगे। आसपास लोगों में दहशत का माहौल हो गया। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि हुआ क्या है। -मनोज गुप्ता

    रविवार के अलावा इस समय घटनास्थल के पास काफी गाड़ियां होती है। यहां बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए उनके अभिभावक आते हैं। काफी बच्चे कैब से आते हैं। गनीमत रही कि यह हादसा छुट्टी वाले दिन हुई। नहीं तो भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो सकता था। -अंजू गुप्ता

    सुबह कमरे में सो रही थी। धमाका होने से ऐसा लगा कि उनका बेड हिल रहा है। पड़ोस में मकान गिरने की आशंका को देखते ही बाहर आ गई। लेकिन धुआं अधिक होने से कुछ समझ में नहीं आया। सभी एक-दूसरे से पूछते ही रहे। कुछ समय बाद इस घटना की जानकारी मिली। -मेघा जैन

    घटनास्थल के 100 मीटर की दूरी पर सड़क पर ही खड़ा था। जोरदार धमाका होने से ऐसा लगा कि स्कूल के सामने खाने-पीने की दुकानों में सिलेंडर फटा हो। धुआं कम होने के बाद पता चला कि स्कूल के पास किसी चीज में विस्फोट हुआ है। -दीपक