Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Diwali 2022: दीवाली में संभलकर जलाएं दीया ताकि खुशियों पर ना लगे ग्रहण, अलर्ट मोड पर दिल्ली के बड़े अस्पताल

    By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Mon, 24 Oct 2022 02:15 PM (IST)

    Diwali 2022 दीवाली के उमंग में बाजार गुलजार हैं। लोग भी पूरे उत्साह के साथ यह त्योहार मनाने को तैयार हैं। दूसरी ओर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर सफदरजंग आरएमएल लोकनायक सहित कई बड़े अस्पतालों में अलर्ट है।

    Hero Image
    दीवाली में संभलकर जलाएं दीया ताकि खुशियों पर ना लगे ग्रहण (सांकेतिक तस्वीर)

    नई दल्ली, जागरण संवाददाता। दीवाली के उमंग में बाजार गुलजार हैं। लोग भी पूरे उत्साह के साथ यह त्योहार मनाने को तैयार हैं। दूसरी ओर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक सहित कई अस्पतालों में अलर्ट है। क्योंकि दीवाली की रात आतिशबाजी और दीये से झुलसकर बड़ी संख्या में लोग इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    त्योहार के मद्देनजर दिल्ली के अस्पतालों में इलाज की विशेष व्यवस्था की गई है। सफदरजंग अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि पटाखों में अनार से लोग सबसे अधिक लोग झुलसते हैं। जिसमें बच्चे और नवयुवक अधिक होते हैं। अनार के बाद दीये से अधिक लोग झुलसकर अस्पताल पहुंचते हैं। इसका कारण असुरक्षित तरीके से दीया जलाना है।

    डाक्टरों ने दी सावधानी बरतने की सलाह

    डाक्टरों का कहना है कि दीवाली में दीये सुरक्षित तरीके से संभलकर जलाएं। ताकि किसी की खुशियों में ग्रहण ना लगने पाए। सफदरजंग अस्पताल के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. शलभ कहा कि आतिशबाजी से प्रदूषण तो होता ही है, उससे झुलसने की घटनाएं भी ज्यादातर होती है। यदि किसी एक पटाखें की बात करें तो अनार से अधिक लोग झुलसकर इमरजेंसी में पहुंचते हैं।

    दिवाली पर ढीले कपड़ों से बचें

    अनार जलाने के दौरान हाथ व चेहरा झुलसने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए पटाखा बिल्कुल ना जलाएं और बच्चों को पटाखों से दूर रखें। इसके अलावा दीये से जलने की घटनाएं अधिक होती हैं। इसका कारण यह है कि लोग कमरे के बीच में रंगोली बनाकर उसके आसपास दीये जलाते हैं और ढीले कपड़े पहनकर कमरे में चलते हैं। इस क्रम में आग पकड़ने की आशंका रहती है। इसलिए दीया जलाते समय सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए और यह कोशिश होनी चाहिए कि ढीले कपड़े न पहने।

    बर्न सेंटर में अधिक डाक्टरों की तैनाती

    दीवाली के मद्देनजर बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक में 20 बेड आरक्षित रखे गए हैं। इसके अलावा पांच अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। इसके अलावा बर्न सेंटर में पहले की तुलना में अधिक डाक्टर व नर्सिंग कर्मचारी तैनात रहेंगे। आरएमएल अस्पताल के आपदा वार्ड में 10 बेड और आइसीयू में दो बेड आरक्षित रखे गए हैं। इसके अलावा ब्लड बैंक में ब्लड की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, ताकि जरूरतमंद मरीज को इलाज में परेशानी नहीं होने पाए।

    पटाखों से बच्चे अधिक हो रहे घायल

    वहीं एम्स के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर में जनरल और आइसीयू को मिलाकर 13 बेड तैयार रखा गया है। एम्स के बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर के प्रमुख डा. मनीष सिंघल ने कहा कि सामान्य दिनों के मुकाबले बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर की इमरजेंसी में तीन गुना अधिक डाक्टर व नर्सिंग कर्मचारियों को तैनात किए गए हैं। पिछले कुछ दिनों से पटाखों से झुलसकर आठ मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं, जिसमें ज्यादातर बच्चे हैं। लोगों को दिया जलाते समय में भी सतर्क रहना चाहिए।

    Diwali 2022: मेक इन इंडिया का ठप्पा मार बिक रहा चाइना का माल, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां भी पड़ोसी देश से आए

    वर्ल्ड AQI के आंकड़ों में दिल्ली बना दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, केजरीवाल का दावा- प्रदूषण में आई है कमी