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राष्‍ट्रपति और पीएम से सम्‍मानित ट्विकंल बचा चुकी हैं 8000 जानें, 18 सालों से एंबुलेंस चलाकर नि:शुल्‍क दे रही सेवा

18 सालों से एंबुलेंस चला कर लोगों की सेवा करने वाली ट्विंकल कालिया को उनके इस मानवीय कार्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 04:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 04:08 PM (IST)
राष्‍ट्रपति और पीएम से सम्‍मानित ट्विकंल बचा चुकी हैं 8000 जानें, 18 सालों से एंबुलेंस चलाकर नि:शुल्‍क दे रही सेवा
राष्‍ट्रपति और पीएम से सम्‍मानित ट्विकंल बचा चुकी हैं 8000 जानें, 18 सालों से एंबुलेंस चलाकर नि:शुल्‍क दे रही सेवा

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। कोरोना महामारी के दौर में बड़ी संख्या में लोग असहायों की मदद के लिए आगे आए हैं। इनमें कुछ लोग तो रहनुमा बनकर सामने आए हैं और लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। इन्हीं में से हैं हिमांशु कालिया और ट्विंकल कालिया। रिश्ते में पति-पत्नी हिमांशु और ट्विंकट तकरीबन 2 दशक से लोगों की मदद कर इंसानियत का फर्ज अदा कर रहे हैं। प्रताप नगर दिल्ली की रहने वाली ट्विंकल कालिया को उनके इस मानवीय कार्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं।

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नि:शुल्क पहुंचाते हैं अस्पताल

हिमांशु और ट्विकंल कालिया सालों से ऐसे मरीजों को नि:शुल्क अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत होती है। कई बार तो इन्हें ऐसे मरीजों को समय से अस्पताल पहुंचाकर जान बचाई है, जिन्हें समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जाता तो शायद अपनी जिंदगी तक खो देते। इन दिनों जब दिल्ली-समेत पूरे भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से कहर बरपाया हुआ है तो हिमांशु और ट्विंकल सूचना मिलने पर ऐसे लोगों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं, जिन्हें तत्काल मदद की दरकार होती है। ट्विंकल खुद एंबुलेंस चलाकर मरीज के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाती हैं।

8 हजार से ज्यादा लोगों की बचा चुकी हैं जान

पत्नी ट्विकंल अपने एंबुलेंस के जरिये गंभीर से रूप से बीमार 8 हजार लोगों की जिंदगी बचा चुकी हैं। पति हिमांशु के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए ट्विंकल पिछले 18 सालों से लोगों को रहनुमा बनी हुई हैं। ट्विंकल की मानें तो 18 सालों के दौरान उन्होंने दंगों और आपदाओं के बीच विपरीत हालात में हजारों की संख्या में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है, जिससे उनकी जान बच सकी। संस्था शहीद भगत सिंह हेल्प एडं केयर के नंबर-8804102102 पर लोग उन्हें सूचना देते हैं। ज्यादातर बार ट्विंकल खुद एंबुलेंस चलाकर घायल को इलाज के लिए अस्पताल लेकर जाती हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 11 घायलों को जीटीबी अस्पताल में दाखिल कराया।

शादी में हिमांशु ने लिया एंबुलेंस गिफ्ट

वर्ष 2002 में ट्विंकल की शादी हिमांशु कालिया से हुई। शादी में हिमांशु ने दहेज लेने से मना कर दिया था, लेकिन एक एंबुलेंस गिफ्ट के रूप में लिया। दरअसल, 1992 में हिमांशु के पिता अनूप कालिया तबीयत खराब हुई तो हिमांशु ने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। समय पर इलाज नहीं मिलने से हिमांशु के पिता अनूप कोमा में चले गए। इसके बाद गिफ्ट के रूप में हिमांशु ने एंबुलेंस लेना ज्यादा मुनासिब समझा।

राष्ट्रपति से हो चुकी हैं सम्मानित

लोगों की जिंदगी बचाने की पहल करने वाली इस महिला को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने साल 2019 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके इस काम को लेकर सम्मानित किया। साथ ही केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित कर चुके हैं।

सड़क पर तैनात जवानों की मिटाते हैं भूख-प्यास

कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में इस समय सबसे बड़ी चुनौती से जूझ रहे हैं हमारे पुलिस जवान और अर्धसैनिक बल। हिमांशु और ट्विकंल ऐसे पुलिस जवानों के लिए खाना तक उपलब्ध करवा रहे हैं। खासकर ऐसे पुलिस और अर्धसैनिक जवानों को जो चौक-चौराहों पर 12-12 घंटे की ड्यूटी के दौरान कहीं आ-जा नहीं सकते हैं।


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