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    कम उम्र में सिरिंज से ड्रग्स लेने की आदत होगी घातक, HIV के संक्रमण का खतरा अधिक; AIIMS के अध्ययन में खुलासा

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 08:58 PM (IST)

    एम्स के अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली में सिरिंज से ड्रग्स लेने वालों में एचआईवी का खतरा अधिक है। कम उम्र में ड्रग्स की शुरुआत करने वालों में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। अध्ययन में शामिल लोगों में से कई ने कभी चिकित्सा सेवाएं नहीं लीं या एचआईवी की जांच नहीं कराई। एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

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    नाबालिग उम्र में नीडल से ड्रग्स लेना शुरू कर देता है हर सातवां पीड़ित व्यक्ति।

    रणविजय सिंह, नई दिल्ली। सिरिंज से ड्रग्स लेने की लत से पीड़ित हर सातवां व्यक्ति नाबालिग अवस्था में नीडल के जरिये नशीला पदार्थ लेना शुरू कर देता है। क्रम उम्र में ड्रग्स लेने के लिए सिरिंज का इस्तेमाल करने वाले लोगों लंबे समय तक ड्रग्स लेने के लिए यह तरीका अपनाते हैं।

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    इस वजह से कम उम्र में सिरिंज से ड्रग्स लेने की शुरुआत करने वाले लोगों को आगे चलकर एचआईवी का संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस अध्ययन के अनुसार बिहार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की तुलना में दिल्ली में सिरिंज से ड्रग्स लेने वाले लोग एचआइवी संक्रमित अधिक पीड़ित होते हैं।

    एम्स का अध्ययन एक जर्नल में हुआ प्रकाशित

    एम्स का यह अध्ययन हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एसटीडी एंड एड्स में प्रकाशित हुआ है। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डाक्टरों ने चार राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड में सिरिंज के जरिये ड्रग्स लेने वाले 5602 लोगों पर अध्ययन किया। इसमें से ड्रग्स की लत से पीड़ित 6.8 प्रतिशत लोग एचआइवी संक्रमित पाए गए।

    दिल्ली में सिरिंज से ड्रग्स लेने वालों में एचआइवी का प्रसार 15.87 प्रतिशत, उत्तराखंड में 9.77 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 5.46 प्रतिशत और बिहार में 2.86 प्रतिशत पाया गया। अध्ययन में शामिल 84.5 प्रतिशत लोग शहरों के रहने वाले थे और ज्यादातर बहुत कम पढ़े लिखे थे।

    सिरिंज से ड्रग्स लेनेवालों में 14 प्रतिशत 18 साल से कम उम्र के

    अध्ययन में पाया गया कि 14 प्रतिशत लोगों ने 18 वर्ष से कम उम्र में ड्रग्स लेने के लिए सिरिंज का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। इनमें से पांच प्रतिशत लोगों ने तो 15 वर्ष से कम उम्र में यह शुरू कर दिया था। अध्ययन में शामिल 58.68 प्रतिशत लोग 15 से 24 की उम्र में सिरिंज से ड्रग्स लेने लगे थे।

    इस अध्ययन में शामिल एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डा. संजय राय ने कहा कि ड्रग्स लेने वाले एचआइवी से अधिक पीड़ित होते हैं। लिहाजा, इस अध्ययन का मकसद एचआइवी संक्रमण की निगरानी है। ताकि अध्ययन के नतीजों के आधार पर एड्स की रोकथाम के लिए कदम उठाए जा सके। अध्ययन में शामिल 89.5 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे ड्रग्स लेने के लिए स्टेराइल इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं।

    ड्रग्स लेने वाले बहुत नशेड़ी आपस में नीडल साझा करते हैं

    लेकिन फिर भी सच्चाई यह है कि सिरिंज से ड्रग्स लेने वाले बहुत नशेड़ी आपस में नीडल साझा करते हैं। इससे एचआइवी का संक्रमण होने का खतरा ढाई गुना अधिक होता है। अध्ययन में पाया गया कि सिरिंज से ड्रग्स लेने वाले 35 प्रतिशत लोगों ने कभी चिकित्सा सेवाएं नहीं ली और 26 प्रतिशत लोगों ने डर और भेदभाव के कारण एचआइवी की जांच नहीं कराई। ऐसे लोगों में एचआइवी होने का जोखिम करीब दोगुना पाया गया।

    विवरण आंकड़े
    कुल अध्ययन में शामिल लोग 5602
    दिल्ली 750
    बिहार 490
    उत्तर प्रदेश 3891
    उत्तराखंड 471
    औसत उम्र 33 वर्ष
    अविवाहित 50.7%
    विवाहित 39.2%
    तलाकशुदा 10.1%
    पेशा: अकुशल श्रमिक 20.9%
    पेशा: कुल श्रमिक 11.6%
    पेशा: चालक 10.2%
    पेशा: छात्र/बेरोजगार 20.1%
    पेशा: गैर कृषि कार्य 13.5%
    पेशा: जोखिम भरे कार्य 8.7%
    पेशा: अन्य 15%
    30 वर्ष या उससे अधिक उम्र 60.1%
    प्रतिदिन इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले 64.7%
    ड्रग्स लेने के लिए दूसरे शहरों में गए 45.6%