Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Waqf Board Act: वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन मामले पर हिंदू-मुस्लिम संगठन आमने-सामने

    Updated: Sun, 04 Aug 2024 10:20 PM (IST)

    Waqf Board Act विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मौजूदा वक्फ बोर्ड कानून मनमाना एकतरफा असाधारण अधिकार देने वाला और संविधान विरोधी है। कानून में बदलाव का स्वागत है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि कानून में कोई भी बदलाव स्वीकार्य नहीं है। विरोध में इंडी गठबंधन व मुस्लिम धार्मिक संगठन से साथ आने की अपील की है।

    Hero Image
    बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलयास, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। मौजूदा वक्फ कानून में केंद्र सरकार द्वारा संशोधन की तैयारी के साथ ही उसे लेकर हिंदू व मुस्लिम संगठन में टकराव की स्थिति बन गई है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जहां सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि वर्ष 2013 में तत्कालीन मनमोहन सरकार द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत वक्फ एक्ट में संशोधन कर वक्फ बोर्ड को असाधारण, एकतरफा व मनमाना अधिकार दिए गए, जिसमें वह देशभर में किसी की भी जमीन को अपना बता कब्जा कर सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सरकार द्वारा वक्फ कानून में किसी भी तरह का बदलाव उसे स्वीकार नहीं है। साथ ही उसने अब तक मौजूदा केंद्र सरकार पर मुस्लिमों से कुछ न कुछ छिनने का आरोप लगाते हुए इस मामले में राजग के सहयोगी दलों के साथ ही विपक्षी इंडी गठबंधन और देश के मुस्लिम धार्मिक संगठनों से एकजुट होकर विरोध के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया है।

    वैसे, केंद्र सरकार की यह पहल ऐसे वक्त में हो रही है, जब विहिप समेत कई संगठन मौजूदा वक्फ कानून को संविधान विरोधी बताते हुए उसमें बदलाव की मांग लंबे वक्त से करते आ रहे हैं।

    विहिप ने क्या कहा?

    विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मौजूदा वक्फ कानून संविधान सम्मत नहीं है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड किसी की भी जमीन पर कब्जा कर सकता है। मामले की सुनवाई सिविल अदालत में भी नहीं होगी, बल्कि उसके लिए प्राधिकरण जाना होगा, जहां संपत्ति मालिक को खुद साबित करना होगा कि जमीन पर मालिकाना हक उसका है।

    1400 साल पुराने मंदिर पर वक्फ बोर्ड कर रहा दावा

    उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का एक गांव में जहां एक भी निवासी मुस्लिम नहीं है। गांव में 14 सौ साल पुराना मंदिर भी मौजूद है, लेकिन उस गांव पर वक्फ बोर्ड दावा कर देता है। इस तरह के अनगिनत मामले हैं, जिसे देखते हुए कानून बदलना होगा। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि पढ़ा लिखा मुस्लिम तबका इस संशोधन का स्वागत करेगा।

    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील

    वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) ने स्पष्ट किया है कि वक्फ कानून में कोई बदलाव स्वीकार्य नहीं होगा। उसने देश के मुसलमानों व धार्मिक संगठनों से अपील करते हुए कहा कि वे सभी एकजुट होकर केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ आगे बढ़ें।

    बोर्ड भी इस कदम को नाकाम करने के लिए हर तरह के कानूनी और लोकतांत्रिक रास्ते अपनाएगा। साथ ही राजग के सहयोगी दलों और अन्य विपक्षी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे किसी भी प्रस्ताव और संशोधन को पूरी तरह खारिज कर दें और संसद से पारित न होने दें।

    ये भी पढ़ें- IICC Election: इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका में हिंदू मतदाता, 11 अगस्त को पड़ेंगे वोट

    मुस्लिमों से छीना जा रहा

    बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलयास ने कहा कि वक्फ कानून और वक्फ संपत्तियों को संविधान और शरीयत एप्लीकेशन एक्ट 1937 भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए सरकार इस कानून में कोई ऐसा संशोधन नहीं कर सकती, जिससे इन संपत्तियों की प्रकृति और हैसियत ही बदल जाए। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने मुसलमानों से संबंधित जितने भी फैसले किए और कदम उठाए हैं, उनमें उनसे कुछ छीनने का ही काम हुआ है।