घर के बाहर पोस्टर लगाने के मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस करते हुए कोरोना मरीजों का नाम सार्वजनिक नहीं करने के मामले पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता कहा कि घर के बाहर पोस्टर लगाने से मरीज का परिवार मानसिक तनाव में आता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Corona in Delhi: कोरोना मरीज और घर में आइसोलेशन में रह रहे लोगों के घरों के बाहर पोस्ट लगाने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग करते हुए दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस करते हुए कोरोना मरीजों का नाम सार्वजनिक नहीं करने के मामले पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
इस कारण कोर्ट में दाखिल हुई याचिका
अधिवक्ता कुश कालरा ने याचिका दाखिल कर कहा कि मरीज के घर के बाहर पोस्टर लगाने से मरीज का पूरा परिवार मानसिक तनाव में आता है। इतना ही नहीं मरीजों एवं आइसोलेशन में रहे लोग का नाम आरडब्ल्यूए से भी साझा किया जाता है, जिसके बाद मरीजों व उनके परिवार की जानकारी फेसबुक-वाट्सएप पर डाली जाती है। इसके कारण मरीज व उनके परिवार को आस पास के लोगों के बीच अपमानित होना पड़ता है।
अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी
याचिका पर अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी। कुश कालरा ने इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने के संबंध में निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना से ग्रसित मरीजों को इससे बाहर निकलने के लिए मानसिक रूप से मजबूत करने की जरूरत है, लेकिन पोस्टर लगाने से उनकी मानसिक परेशानी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर बिंदु पर अदालत को गौर करके निर्देश जारी करना चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही कोरोना मरीज की जांच में पड़ोसी राज्यों के से भी सहयोग लेने की भी मांग की, लेकिन पीठ ने यह कहते हुए कोई भी दिशानिर्देश देने से इंकार कर दिया कि इससे जांच की प्रक्रिया में और देरी होगी।
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