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Coronavirus: क्वारंटाइन के तरीके पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट में दायर याचिका में सवाल उठाया गया है कि पिज्जा डिलिवरी करने वाले के संपर्क में आए 72 परिवारों में से एक परिवार को 30 से अधिक दिन के लिए क्वारंटाइन में क्यों डाला गया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 03:58 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 04:04 PM (IST)
Coronavirus: क्वारंटाइन के तरीके पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
Coronavirus: क्वारंटाइन के तरीके पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित लोगों को क्वारंटाइन करने के संबंध में जारी निर्देश को लागू करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में सवाल उठाया गया है कि पिज्जा डिलिवरी करने वाले के संपर्क में आए 72 परिवारों में से एक परिवार को 30 से अधिक दिन के लिए क्वारंटाइन में क्यों डाला गया।

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याचिका पर दिल्‍ली सरकार से मांगा जवाब

एक फोटो-जर्नलिस्ट की याचिका पर न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। फोटो-जर्नलिस्ट ने कहा कि 24-25 मार्च की मध्यरात्रि से उसे क्वारंटाइन किया गया जब वह पहली बार पिज्जा डिलिवरी करने वाले व्यक्ति के संपर्क में आया और उसे 28 अप्रैल तक यानी 30 दिनों से अधिक समय के लिए क्वारंटाइन किया गया।

क्‍वारंटाइन की अवधि के लिए दायर की याचिका

इतना ही नहीं याचिकाकर्ता अमित भार्गव के घर के बाहर डिलिवरी ब्वॉय के संपर्क में आने के 20 दिन बाद यानी 15 अप्रैल को क्वारंटाइन का नोटिस लगाया गया। अधिवक्ता शील त्रेहान के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार डिलिवरी ब्वॉय को संक्रमण का पता 14 अप्रैल को चला ऐसे में दिल्ली सरकार ने बिना सोचे क्वारंटाइन अवधि की गणना की। 17 अप्रैल को भार्गव के दरवाजे पर एक नोटिस चस्पा कर उन्हें 14 से 28 अप्रैल तक के लिए क्वारंटाइन होने का आदेश दिया गया। भार्गव ने निर्देशों का सही तरह अनुपालन कराने का निर्देश देने की मांग की।

जज व कर्मचारियों ने 1.92 करोड़ दान किए

इधर, कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने में मदद के लिए दिल्ली हाई कोर्ट व निचली अदालतों के न्यायाधीश व कर्मचारी भी सामने आए हैं। रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश, अदालत के अधिकारी और दिल्ली जिला न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारियों ने मिलकर पीएम केयर्स फंड में 1 करोड़ 92 लाख 97 हजार रुपये का योगदान दिया है। दान की गई राशि में दिल्ली हाई कोर्ट के कुछ पूर्व न्यायमूर्तियों का भी योगदान शामिल है।


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