'यह भ्रष्ट आचरण नहीं', AAP विधायक दुर्गेश पाठक की चुनाव के खिलाफ दायर याचिका दिल्ली HC ने की खारिज
Delhi High Court दिल्ली हाईकोर्ट ने राजिंदर नगर साल 2022 उपचुनाव में आप विधायक दुर्गेश पाठक को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि खाते मेंटेन न करने का असर चुनाव परिणामों पर नहीं पड़ेगा और यह भ्रष्ट आचरण नहीं है। इस लेख में पढ़ें आखिर क्या है पूरा मामला और अदालत ने और क्या कुछ कहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वर्ष 2022 के दिल्ली विधानसभा उपचुनाव में राजिंदर नगर निर्वाचन क्षेत्र से आप विधायक दुर्गेश पाठक के चुनाव के खिलाफ दायर याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने कहा कि अगर एक विजयी उम्मीदवार खाते मेनटेन नहीं करने का असर चुनाव परिणामों नहीं पड़ेगा। अदालत ने यह भी कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप स्थापित होने पर भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार भ्रष्ट आचरण नहीं होगा।
पाठक पर दैनिक व्यय रजिस्टर में मनगढ़ंत खर्च दिखाने का आरोप
शीर्ष अदालत ने एक मामले में निर्णय दिया था कि जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम की धारा 77(1) और 77(2) के अनुसार खाते मेनटेन रखने में निर्वाचित उम्मीदवार की विफलता चुनाव के परिणाम को प्रभावित नहीं करेगी और भ्रष्ट आचरण के दायरे में नहीं आएगी।
अदालत ने यह आदेश याचिकाकर्ता रमेश कुमार खत्री की उस याचिका पर दिया, जिसमें कहा गया था कि अधिनियम के तहत पाठक को अगले छह साल के लिए विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने के अलावा उनके चुनाव को अमान्य घोषित किया जाए।
याची ने दुर्गेश पाठक पर दैनिक व्यय रजिस्टर में मनगढ़ंत खर्च दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि पाठक ने अपने चुनाव व्यय रजिस्टर में जलपान, होर्डिंग, बैनर, पर्चे, झाड़ू आदि पर किए गए खर्च का सही हिसाब नहीं दिया।
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