डॉग विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रद की FIR, दोनों पक्षों पर ठोका 10-10 हजार रुपये का जुर्माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने कुत्ते को टहलाने के दौरान पड़ोसियों के बीच हुई मारपीट से जुड़ी दो प्राथमिकी रद कर दी। न्यायमूर्ति अरुण मोंगा की पीठ ने आपसी समझौते के आधार पर यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि कार्यवाही जारी रखने से सौहार्द बिगड़ेगा। अदालत ने दोनों पक्षों को एक कुत्ता आश्रय गृह में 10-10 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। यह विवाद पालतू जानवरों को लेकर था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में कुत्ते को नियमित रूप से टहलाने के दौरान हुई पड़ोसियों के बीच मारपीट से जुड़ी दो प्राथमिकी दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के बीच हुए आपसी समझौते के आधार पर रद कर दी।
न्यायमूर्ति अरुण मोंगा की पीठ ने कहा कि ऐसे में दोनों पक्षों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखने से कोई लाभ नहीं होगा। आपराधिक कार्यवाही को रद न करने से दुश्मनी फिर से भड़केगी, जबकि इसे रद करने से पड़ोसियों के बीच सौहार्द और सौहार्द बढ़ेगा।
कोर्ट ने कहा कि कुत्तों से प्रेम करने वाले दोनों पक्षों को यूनिटी फार स्ट्रे एनिमल फाउंडेशन द्वारा संचालित एक कुत्ता आश्रय गृह को 10-10 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया जाता है।
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याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किलों के बीच गलतफहमी हुई थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी कराई थी। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच बिना किसी दबाव के एक समझौता हुआ है।
वहीं, उक्त तथ्यों को देखते हुए अदालत ने कहा कि यह घटना पालतू जानवरों के नाम पर हुई थी और यह विवाद, मूलतः निजी प्रकृति का होने है और दोनों के बीच पालतू जानवरों को लेकर अनावश्यक मतभेदों के कारण शुरू हुआ था।

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