दिल्ली के स्कूली बच्चों में फैल रही हाथ, पैर व मुंह में छाले की बीमारी; शिक्षा निदेशालय ने जारी की एडवाइजरी
दिल्ली के स्कूलों में बच्चों में एचएफएमडी (हैंड-फुट एंड माउथ डिजीज) के मामले बढ़ रहे हैं। शिक्षा निदेशालय ने बुखार चकत्ते या मुंह में छाले जैसे लक्षण दिखने पर बच्चों को घर पर अलग रखने और डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है। यह संक्रामक बीमारी मुख्य रूप से तीन से सात वर्ष के बच्चों में फैलती है। कुछ स्कूलों ने कक्षाओं को ऑनलाइन कर दिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी के स्कूलों में छोटे बच्चों के हाथ-पैर और मुंह में छालों की बीमारी (एचएफएमडी यानी हैंड-फुट एंड माउथ डिजीज) फैलने लगी है। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने कहा कि यदि बच्चों में बुखार, हाथ-पैर में चकत्ते, मुंह में छाले, गले में खराश या चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिखें तो घर में उनके रहने के लिए तुरंत अलग व्यवस्था कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
यह एक संक्रामक बीमारी है और यह संक्रमण मुख्य रूप से तीन से सात वर्ष के बच्चों में देखा जाता है। यह संक्रमण बच्चों के खिलौने और घर की सतह पर भी सक्रिय रहता है। शुरुआती दौर में बुखार व छाले के लक्षण दिखाई देते हैं और सामान्य तौर पर सात से 10 दिनों में यह बीमारी ठीक हो जाती है।
कुछ स्कूलों में हाल के दिनों में इस बीमारी को देखते हुए उनकी कक्षाओं को अस्थायी रूप से आनलाइन कर दिया गया है और पूरे परिसर को सैनिटाइज करवाया गया है। बताया जा रहा है कि कोलकाता में भी बच्चों में एचएफएमडी के मामले सामने आए हैं।
कई अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सभी स्कूलों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता व रोकथाम के कदम नहीं उठाए गए हैं। हालांकि, कई स्कूलों ने मानसून को देखते हुए पहले से ही डेंगू और मौसमी बीमारियों को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें फागिंग, साफ पेयजल की व्यवस्था करने और स्वच्छता बनाए रखने जैसी सलाह दी गई है।

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