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Heroes of Delhi Violence: 8 किमी पैदल चल बचाई पत्नी की जान, रास्ते का खौफनाक था मंजर

Heroes of Delhi Violence अरुण बताते हैं 24 फरवरी की पूरी रात वह जागते रहे और बार-बार सिमरन से हाल पूछते रहे। सुबह करीब तीन बजे वह फिर शिव विहार जाने के लिए निकल पड़े।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 01:29 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 01:29 PM (IST)
Heroes of Delhi Violence: 8 किमी पैदल चल बचाई पत्नी की जान, रास्ते का खौफनाक था मंजर
Heroes of Delhi Violence: 8 किमी पैदल चल बचाई पत्नी की जान, रास्ते का खौफनाक था मंजर

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Heroes of Delhi Violence: एक युवक ने आठ किलोमीटर पैदल चलकर पत्नी की जान बचाई। शिव विहार जीरो नंबर गली निवासी अरुण ने बताया, शिव विहार तिराहे पर 24 फरवरी की दोपहर से ही पथराव शुरू हो गया था। मेरी पत्नी सिमरन घर में अकेली थीं और मैं काम के सिलसिले में बाहर गया था। हिंसा भड़कने की जानकारी हुई तो मैं गोकुलपुरी स्थित ससुराल गया और पिता को भी घर जाने से रोक दिया।

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अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं सिमरन को कैसे लेने जाऊं। मैं लगातार उससे फोन पर संपर्क में था। वह बहुत डरी हुई थी। वह बता रही थी कि राजधानी इंटरनेशल स्कूल की छत पर कब्जा कर उपद्रवी गुलेल से पत्थर और पेट्रोल बम आसपास के घरों और दुकानों पर फेंक रहे हैं। मुझे पत्नी की चिंता सता रही थी। मैंने जान की परवाह नहीं की और गोकुलपुरी से देर रात 11 बजे पैदल ही शिव विहार के लिए निकल पड़ा।

जौहरीपुर रोड के नाले के किनारे-किनारे जौहरी पुल पहुंचा तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने मुझे अंदर जाने से रोक दिया और वापस भेज दिया। अरुण बताते हैं, 24 फरवरी की पूरी रात वह जागते रहे और बार-बार सिमरन से हाल पूछते रहे।

रास्ते का खौफनाक था मंजर

सुबह करीब तीन बजे वह फिर शिव विहार जाने के लिए निकल पड़े। पूरे रास्ते पर अंधेरा और खौफनाक मंजर था। रास्ते में दुकानें, घर और वाहन धूं-धूं करके जल रहे थे। वह किसी तरह जौहरीपुर नाले के किनारे-किनारे शिव विहार पहुंचे। घर जाने से पहले वह परिचित के घर गए। उनके पीछे के गेट से निकलकर सुबह करीब पांच बजे वह घर पहुंचे। हिंसा प्रभावित इलाके में उन्होंने गोकुलपुरी से शिव विहार के बीच का चार किलोमीटर का फासला अकेले पैदल तय किया। वहां से पत्नी को लेकर वह फिर जौहरीपुर नाले के किनारे-किनारे गोकुलपुरी वापस लौटे और तब जाकर चैन की सांस ली।

14 घंटे में की 200 से अधिक फोन कॉल

अरुण की पत्नी सिमरन ने बताया कि 24 फरवरी के अपराह्न तीन बजे से लेकर 25 फरवरी की सुबह पांच बजे तक वह उस घर में दहशत में थीं। गली में फैले आतंक के बीच घर की लाइट बंद करके वह अंधेरे में बैठी रही। इस दौरान वह पति और मां से लगातार फोन पर संपर्क में थीं। इस दौरान 14 घंटे में उन्होंने 200 से अधिक फोन कॉल की।

बता दें कि उत्तर-ूपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 46 हो गई है। रविवार को अलग-अलग जगहों से नाले में चार शव बरामद किए गए। हिंसा में कई लोगों के घर को काफी नुकसान पहुंचा है। 

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