Heart Attack: ठंड में बढ़ गए हार्ट अटैक के मरीज, इस वर्ग के लोगों को ज्यादा परेशानी; पढ़ें डॉक्टर्स की सलाह
ठंड के इस मौसम में अस्पतालों में दिल के मरीज बढ़ गए हैं। इसलिए डॉक्टर सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही सेहत पर भारी बढ़ सकती है। क्योंकि अस्पतालों में अभी हार्ट अटैक के करीब 20-25 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। डॉक्टर बताते हैं कि कम उम्र के युवा भी हार्ट अटैक से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचे हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। ठंड के इस मौसम में अस्पतालों में दिल के मरीज बढ़ गए हैं। इसलिए डॉक्टर सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही सेहत पर भारी बढ़ सकती है। क्योंकि अस्पतालों में अभी हार्ट अटैक के करीब 20-25 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। डॉक्टर बताते हैं कि कम उम्र के युवा भी हार्ट अटैक से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचे हैं। इसलिए सिर्फ बुजुर्ग हीं नहीं बल्कि युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है।
फोर्टिस एस्कार्ट्स इंस्टीट्यूट विभाग के कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. अतुल माथुर ने कहा कि वैसे अधिक उम्र के लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। लेकिन पहले 35 से 45 वर्ष की उम्र के मरीज भी देखे जाते थे। इससे कम उम्र के हार्ट अटैक के मरीज कम देखे जाते थे लेकिन यह ट्रेंड बदल रहा है।
युवाओं में ज्यादा परेशानी
अब 20 से 35 वर्ष की अवस्था में भी कई मरीज हार्ट अटैक के साथ पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के 20-25 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। कई युवा मरीज भी हार्ट अटैक की बीमारी के साथ अस्पताल पहुंचे, जिन्हें प्रोसीजर करना पड़ा।
यह भी हो सकती हैं हार्ट अटैक की वजह
इसलिए यह समझने की भूल न करें कि युवा होने से हार्ट अटैक नहीं होगा। यह भी देखा गया है कि युवाओं के धमनी में हल्का ब्लॉकेज होने पर भी कई बार यह हार्ट अटैक का कारण बनता है। इसका कारण कई बार शरीर की क्षमता से ज्यादा व्यायाम करना, मानसिक तनाव, सर्दी के मौसम में अधिक धूम्रपान इत्यादि होता है।
डॉक्टर्स ने क्या बताया कारण
जीबी पंत सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. जमाल युसूफ ने कहा कि ठंड में तापमान कम होने से धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने की आंशका रहती है। इसके अलावा पहले से जमा कॉलेस्ट्राल टूटने से धमनियों में ब्लॉकेज होने का खतरा रहता है, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। सुबह में हार्ट अटैक की घटनाएं अधिक होती हैं। इसका कारण यह है कि सुबह में शरीर में स्टेरॉयड की मात्रा सबसे अधिक रहती है।
नवंबर से ही इमरजेंसी में हार्ट अटैक के मरीज बढ़ जाते हैं। गर्मी के मौसम में हार्ट अटैक के मरीज कम हो जाते हैं। सर्दी के मौसम में फेफड़े का संक्रमण अधिक होता है। इसके तहत फ्लू, निमोनिया व अन्य वायरल संक्रमण होता है। फेफड़े की बीमारी भी कई कई मरीजों में हृदय की कार्य क्षमता खराब होने का कारण बनता है।
हार्ट अटैक की बीमारी से बचाव के लिए सर्दी के मौसम में शरीर को अधिक सक्रिय रखना चाहिए। घर में भी रहने पर व्यायाम जरूर करना चाहिए। साथ ही खानपान पर भी नियंत्रण रखना चाहिए। संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
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