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    Delhi Riots: उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में कुछ देर में होगी सुनवाई, अदालत के निर्णय को दी थी चुनौती

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 10:20 AM (IST)

    Delhi High Court जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की याचिका पर कुछ ही देर में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। उमर खालिद (Umar Khalid) ने अपनी याचिका वापस लेने के बाद नई याचिका दायर की थी। बताया गया कि खालिद ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। जानिए आखिर उमर खालिद ने किस मामले में याचिका दायर की है।

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    दिल्ली हाईकोर्ट में उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई होगी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली दंगा से जुड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज बड़ी साजिश के मामले में जमानत की मांग वाली जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद Umar Khalid की याचिका पर थोड़ी देर में दिल्ली हाईकोर्ट Delhi High Court में सुनवाई होगी।

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    खालिद की याचिका पर होगी सुनवाई

    खालिद की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ सुनवाई करेगी। खालिद की दूसरी जमानत याचिका 28 मई को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी और निचली अदालत के निर्णय को उमर खालिद ने चुनौती दी है।

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    दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

    सुप्रीम कोर्ट Supreme Court से राहत की मांग करने वाली अपनी याचिका वापस लेने के बाद खालिद ने नई जमानत याचिका दायर की थी। खालिद ने अक्टूबर 2022 में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

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    इन धाराओं में दर्ज हुआ था मामला

    सीएए CAA व एनआरसी NRC के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में उमर खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रविधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    दंगे में मारे गए थे 53 लोग

    बता दें कि दंगे में 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे। खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह न्यायिक हिरासत में बंद है।

    न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने सुनवाई से खुद को किया अलग

    जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया। इस पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने मामले को किसी अन्य पीठ के समक्ष कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अनुमति से सूचीबद्ध करने को कहा।