Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मस्जिद गिरा कर गुरुद्वारा रकाबगंज का हुआ था निर्माणः मनजिंदर सिंह सिरसा

    Updated: Wed, 07 Feb 2024 11:56 PM (IST)

    गुरुद्वारा रकाबगंज के निर्माण को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के बयान पर विवाद शुरू हो गया है। उन्होंने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा प्रकाशित पुस्तक का हवाला देते हुए कहा था कि सिख योद्धा बाबा बघेल सिंह ने 1783 में मस्जिद ध्वस्त कर गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का निर्माण किया था।

    Hero Image
    मस्जिद गिरा कर गुरुद्वारा रकाबगंज का हुआ था निर्माणः मनजिंदर सिंह सिरसा

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। गुरुद्वारा रकाबगंज के निर्माण को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के बयान पर विवाद शुरू हो गया है। उन्होंने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा प्रकाशित पुस्तक का हवाला देते हुए कहा था कि सिख योद्धा बाबा बघेल सिंह ने 1783 में मस्जिद ध्वस्त कर गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब का निर्माण किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उनके इस बयान का शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना व अन्य सिख नेताओं ने विरोध किया है। उन्होंने सिरसा पर सिख इतिहास को गलत तरह से प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए श्री अकाल तख्त के जत्थेदार कार्रवाई करने की मांग की है।

    सिरसा का किया समर्थन

    डीएसजीएमसी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने सिरसा के बयान का समर्थन करते हुए श्री अकाल तख्त से सरना के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। सिरसा ने कार्यक्रम में कहा था कि गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब वही स्थान है, जहां गुरु तेग बहादुर जी के धड़ का अंतिम संस्कार हुआ था।

    मुगलों ने गुरघर को हटाकर बनाई मस्जिद

    गुरु गोविंद सिंह वर्ष 1707 में दिल्ली आकर इस स्थान पर गुरुघर बनवाया था। मुगल शासक द्वारा उस गुरुद्वारा को हटाकर मस्जिद बना दी गई थी। वर्ष 1783 में दिल्ली फतेह के बाद बाबा बघेल सिंह ने मुगल शासक सुल्तान शाह आलम को कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के स्थान पर गुरुद्वारा बनेगा। उन्होंने मस्जिद ध्वस्त कर गुरुद्वारा का निर्माण किया था।

    सरना का कहना है कि सिरसा सिख इतिहास की गलत व्याख्या कर रहे हैं। इससे सिख संगत में रोष है। शिअद बादल के नेता जीके ने कहा कि सिरसा को कुछ बोलने से पहले तथ्य की पड़ताल करनी चाहिए। पहले भी श्री अकाल तख्त से फटकार लग चुकी है।

    क्या है रकाबगंज गुरुद्वारा की कहानी

    उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी का जहां बलिदान हुआ था, वहां शीशगंज गुरुद्वारा है। जहां धड़ का संस्कार हुआ था वहां पर गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब है। गुरु गोविंद सिंह 1707 में यहां आकर इन दोनों स्थानों की निशानदेही की थी। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब वाले स्थान को लेकर 1783 में विवाद हुआ था और उस समय खोदाई की गई तो वहां अस्थियां निकली थी उसके बाद वहां गुरुद्वारा बनाने का निर्णय हुआ।

    बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह आहलुवालिया और बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया ने वहां गुरुद्वारा बनवाया, लेकिन कोई मस्जिद नहीं गिराई गई गई थी। गुरुद्वारा के पास एनडीएमसी कार्यालय को आज भी रकाबगंज मस्जिद कहा जाता है।

    वहीं, कालका का कहना है कि सिखों की सर्वोच्च संस्था एसजीपीसी द्वारा 2018 में प्रकाशित पुस्तक शहीदी जीवन (गुरबख्श सिंह लिखित) के पेज नंबर 32 पर स्पष्ट लिखा है कि बाबा बघेल सिंह ने मस्जिद ध्वस्त कर गुरुद्वारा साहिब स्थापित किया था। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने भी कहा कि सिरसा ने स्वयं से नहीं बल्कि एसजीपीसी द्वारा प्रकाशित पुस्तक के आधार पर बयान दिया है। यदि सरना व जीके को इसमें कुछ गलत लगता है तो उन्हें एसजीपीसी से पुस्तक में दिए गए तथ्य को लेकर प्रश्न करना चाहिए।

    comedy show banner
    comedy show banner