दिल्ली राज्य जीएसटी विभाग ने रिफंड मामले में 14 करोड़ की पकड़ी धोखाधड़ी, मुख्य आरोपियों में से एक गिरफ्तार
दिल्ली सरकार के व्यापार और कर विभाग ने 14 करोड़ रुपये की जीएसटी रिफंड धोखाधड़ी का खुलासा किया है। इस मामले में हरीश चंदर के बेटे बंटी को गिरफ्तार किया गया है जो फर्जी फर्मों के माध्यम से जीएसटी रिफंड का दावा कर रहा था। विभाग ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करके धोखाधड़ी का पता लगाया और धन की वसूली के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के व्यापार और कर विभाग ने माल और सेवा कर (जीएसटी) लगभग 14 करोड़ की राशि के रिफंड धोखाधड़ी के एक बड़े मामले से पर्दा उठाया है। विभाग की जांच में ऐसे व्यक्तियों के एक नेटवर्क का पता चला, जिन्होंने वास्तविक व्यावसायिक गतिविधियों की आड़ में अवैध रूप से जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए चार काल्पनिक फर्म बनाई और संचालित कीं है।
इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक फर्म का मालिक हरीश चंदर का बेटा बंटी धोखाधड़ी करने के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। अब तक 1.16 करोड़ वसूल किए गए हैं और शेष राशि को वापस पाने के लिए कार्रवई जारी है।बंटी को मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां पुलिस हिरासत में दे दिया गया।जल्द ही और भी गिरफ़्तारियां होने की संभावना है।
यह मामला विभाग द्वारा अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है, जिसमें बैंकिंग लेनदेन की जांच सहित अत्याधुनिक बड़े डेटा एनालिटिक्स और विस्तृत श्रृंखला विश्लेषण का उपयोग दिल्ली व अन्य राज्यों और यहां तक कि हांगकांग और सिंगापुर जैसे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्राधिकारों में स्थित कई संस्थाओं में धन के प्रवाह का पता लगाने के लिए किया गया था।
विभाग की डेटा आधारित जांच में धोखाधड़ी करने वाली फर्मों द्वारा इस्तेमाल किए गए समान पैन, मोबाइल नंबर और ईमेल पते का उपयोग करने वाली कई संस्थाओं की पहचान की गई है। तत्काल प्रवर्तन उपाय के रूप में दिल्ली स्थित संस्थाओं का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों में अपने क्षेत्रों में संचालित संस्थाओं के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए क्षेत्राधिकार अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की गई है। आयकर विभाग के साथ समन्वय में विभाग ने धोखाधड़ी की गतिविधियों से जुड़े पैन को भी चिह्नित किया है और ब्लॉक करने की सिफारिश की है, जिससे आगे के दुरुपयोग को रोका जा सके।
चूंकि भारत के बाहर स्थित संस्थाओं में पैसा होने का पता चला है, इसलिए आवश्यक कार्रवाई के लिए भारत सरकार के राजस्व विभाग को एक विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपी जा रही है। धोखाधड़ी का पता चलने के बाद तेजी से वसूली के प्रयास भी शुरू किए गए।
विभाग ने 27 आरोपित संस्थाओं से जुड़े 45 बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया है, जिससे अवैध धन की आगे की आवाजाही या डायवर्जन को प्रभावी ढंग से रोका जा सके। अपराध की गंभीर प्रकृति के जवाब में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एक प्राथमिकी दर्ज की गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।