GST से दिल्ली सरकार का भरा खजाना, 6 महीने में 22000 करोड़ से ज्यादा का रिकॉर्ड कलेक्शन
दिल्ली सरकार को इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में जीएसटी से 22000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। जीएसटी दरों में कमी के बावजूद पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक राजस्व मिला है। सरकार ने जीएसटी वसूली का लक्ष्य बढ़ाकर 48500 करोड़ रुपये रखा है। हालांकि वैट संग्रह में कमी आई है लेकिन एसजीएसटी से राजस्व में वृद्धि हुई है।

वीके शुक्ला, दिल्ली। सरकार को इस वित्तीय वर्ष में पिछले छह महीने में अभी तक 22,000 करोड़ से अधिक राजस्व मिला है, जबकि पिछले साल इसी समय में 21,000 करोड़ के करीब राजस्व मिला था। इस हिसाब से पिछले साल से इस साल अधिक राजस्व मिला है।
कई चीजों पर जीएसटी कम किए जाने से माना जा रहा है कि इस साल जीएसटी में और बढ़ोतरी हो सकती है। दिल्ली सरकार ने इस वर्ष जीएसटी वसूली का लक्ष्य पिछले साल की अपेक्षा पांच हजार करोड़ बढ़ाकर 48 हजार 500 करोड़ का रखा है।
जानकारों की मानें तो केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरह से कई चीजों पर जीएसटी में भारी कटौती की है। इसे 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू कर दिया गया है। उसके बाद से बाजार में काफी बेहतर माहौल देखा जा रहा है। दिल्ली की स्थिति पर गौर करें तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल अभी तक एसजीएसटी से दिल्ली सरकार को राजस्व में 16.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जीएसटी कट... फिर भी भरा खजाना
पिछले साल सितंबर में जहां 3272.55 करोड़ का जीएसटी एकत्रित हुआ था, वह इस साल सितंबर में 3373.45 करोड़ हुआ है। यानी इस साल जीएसटी की दरें कम होने वाले माह में सीधे 100 करोड़ का राजस्व अधिक मिला है। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि ये राजस्व के आंकड़े अभी और बढ़ने की उम्मीद है। अभी फाइनल आंकड़े आने शेष हैं।
दिल्ली सरकार को कम मिल रहा है वैट
वैट एकत्रित करने में इस साल और कमी आई है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल सरकार को अप्रैल से सितंबर तक 166 करोड़ राजस्व कम मिला है। पेट्रोल डीजल के कारोबार से जुड़े लोग मानते हैं कि सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ने के साथ साथ 10 साल डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक में खासकर डीजल पर असर पड़ा है।
चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर और हिमाचल में दिल्ली से सस्ता डीजल होने का असर भी दिल्ली पर पड़ रहा है। क्योंकि वहां तीन से लेकर पांच रुपये डीजल सस्ता है। दरअसल वहां से आवश्यक सामान लेकर आने वाले ट्रक चालक दिल्ली में डीजल नहीं लेते हैं।
पेट्रोल पंप संचालक केंद्र सरकार से दिल्ली में डीजल पर वैट कम किए जाने की लगातार मांग कर रहे हैं। इनके अनुसार इस साल डीजल की कुल बिक्री में अभी तक आठ प्रतिशत की कमी आ चुकी है। सरकार के साथ इसका उन्हें भी नुकसान हो रहा है।
एक अप्रैल से 30 सितंबर
वित्तीय वर्ष | वैट व सीजीएसटी | एसजीएसटी | सेटलमेंट | कुल राजस्व |
---|---|---|---|---|
2024-25 | 3576.91 | 8667 | 8817.69 | 21,061.65 |
2025-26 | 3410.57 | 10,067 | 8965.21 | 22,443.21 |
( नोट: राजस्व करोड़ रुपये में)
एक अप्रैल से 30 सितंबर...2025
सरकार को किस से कितना मिला राजस्व
- जीएसटी से 22,443.21 करोड़
- आबकारी से 41,92.86 करोड़
- वाहन पंजीकरण से 7 करोड़ 60 लाख
क्या होता है एसजीएसटी?
एसजीएसटी (राज्य वस्तु एवं सेवा कर ), जीएसटी ( वस्तु एवं सेवा कर) व्यवस्था के तहत इंट्रा-स्टेट सप्लाई वाले ट्रांजेक्शन पर लागू होता है। इंट्रा-स्टेट सप्लाई ऐसे ट्रांजेक्शन को कहते हैं जहां एक राज्य की सीमाओं के भीतर माल (वस्तुओं) या सेवाओं की आपूर्ति होती है।
सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) में केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले सभी कर समाहित हो गए हैं। उदाहरण के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय अधिभार और उपकर तथा अन्य ऐसे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर जो पहले लागू थे।
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