जेवर एयरपोर्ट परियोजना के लिए नहीं होगा भूजल दोहन, जानें- कैसे पूरी होगी पानी की जरूरत
परियोजना के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए दूसरे विकल्प भी सोचे गए हैं। जरूरत होने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसटीपी से पानी लिया जाएगा। इसके अलावा बारिश के पानी का उपयोग करने की भी योजना है।
नोएडा (जेएनएन)। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य के लिए भूजल का दोहन नहीं होगा। जेवर डिस्ट्रीब्यूटरी के पानी से एयरपोर्ट का निर्माण होगा। प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग से प्रतिदिन बीस एमएलडी पानी की मांग की है। सिंचाई विभाग परियोजना को पानी देने के लिए शुल्क निर्धारित करने पर विचार कर रहा है। वर्षा जल संचयन के लिए भी परियोजना के आस-पास वॉटर बॉडी बनाई जाएगी। जरूरत पड़ने पर ग्रेटर नोएडा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से भी पानी लिया जाएगा।
नहीं मिली है पर्यावरण मंत्रालय की अनापत्ति
जेवर एयरपोर्ट परियोजना को अभी पर्यावरण मंत्रालय की अनापत्ति नहीं मिली है। मंत्रालय ने परियोजना में भूजल के उपयोग को लेकर सुझाव दिया था। इसके बाद प्राधिकरण ने तय किया है कि जेवर एयरपोर्ट परियोजना के निर्माण कार्य में भूजल का बिल्कुल भी उपयोग नहीं होगा। निर्माण कार्य के लिए पानी की जरूरत को जेवर डिस्ट्रीब्यूटरी नहर से पूरा किया जाएगा। जेवर डिस्ट्रीब्यूटरी बांजरपुर के समीप से निकलती है। इससे तीन-चार माइनर निकलती है। इनसे सिंचित क्षेत्र जेवर एयरपोर्ट परियोजना में हैं।
पानी सीधे परियोजना तक पहुंच जाएगा
जमीन अधिग्रहण के बाद सिंचाई के लिए माइनर के पानी की जरूरत समाप्त हो जाएगी। इससे बचे पानी को परियोजना को दिया जा सकेगा। जेवर डिस्ट्रीब्यूटरी दयानतपुर से होकर गुजरती है। इसका पानी सीधे परियोजना तक पहुंच जाएगा। प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग को जेवर डिस्ट्रीब्यूटरी से जल आवंटित करने का प्रस्ताव भेजा है। विभाग तय करेगा कि पानी के एवज में वह कितना शुल्क वसूलेगा।
दूसरे विकल्प भी सोचे गए हैं
परियोजना के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए दूसरे विकल्प भी सोचे गए हैं। जरूरत होने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसटीपी से पानी लिया जाएगा। इसके अलावा बारिश के पानी का उपयोग करने की भी योजना है। इसके लिए परियोजना स्थल के आस-पास वॉटर बॉडी तैयारी की जाएगी। ताकि उसमें बारिश के पानी का एकत्रित हो सके। एयरपोर्ट परियोजना क्षेत्र में आने वाली माइनर नहर का भी प्राधिकरण अस्तित्व बनाए रखेगा। इसका सुंदरीकरण कराने की योजना है।
सिंचाई विभाग को प्रस्ताव दिया गया है
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट परियोजना के लिए जेवर डिस्ट्रीब्यूटरी के पानी का उपयोग होगा। डिस्ट्रीब्यूटरी से पानी लेने के लिए सिंचाई विभाग को प्रस्ताव दिया गया है। परियोजना के लिए भूजल का दोहन नहीं किया जाएगा।