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    यहां है देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के बारे में जानकारी, दिल्ली-यूपी समेत 5 राज्यों को होगा लाभ

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    Updated: Sat, 01 Jun 2019 09:04 AM (IST)

    नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (निआल) ने शुक्रवार को देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की बिड जारी कर दी।

    यहां है देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के बारे में जानकारी, दिल्ली-यूपी समेत 5 राज्यों को होगा लाभ

    नोएडा, जेएनएन। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (निआल) ने शुक्रवार को देश के प्रस्तावित सबसे बड़े हवाई अड्डे नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की बिड जारी कर दी। बिडर चयन की प्रक्रिया नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। बिडर का चयन सिंगल स्टेज बिड प्रोसेस क्वालिटी एंड कास्ट बेस्ड सलेक्शन (क्यूसीबीएस) के आधार पर किया जाएगा।

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    यहां पर बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में नौ मार्च को जनसभा के दौरान जेवर में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की सौगात देने की घोषणा की थी। इस एयरपोर्ट के लिए प्रदेश कैबिनेट ने छह रनवे बनाने की मंजूरी दे दी है। पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होगा। शेष रनवे के विस्तार के लिए निआल ने स्टडी की जिम्मेदारी प्राइस वाटर हाउस कूपर कंपनी (पीडब्ल्यूएसी) को सौंपी है। कंपनी छह माह में स्टडी रिपोर्ट निआल को सौंपेगी। एयरपोर्ट के पहले चरण के निर्माण पर 15754 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। एयरपोर्ट चार चरणों में पांच हजार हेक्टेयर में विकसित होगा।

    निआल ने एयरपोर्ट की वेबसाइट व ट्विटर को भी लांच किया है। जेवर एयरपोर्ट की बृहस्पतिवार को जारी की गई बिड के तहत तकनीकी बिड छह नवंबर को खोली जाएगी। तकनीकी बिड में सफल कंपनियों की फाइनेंशियल बिड 29 नवंबर को खोली जाएगी। फाइनेंशियल बिड के आधार पर एयरपोर्ट के संचालन एवं निर्माण के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा।

    बिड में शामिल होने के लिए कंपनियां एक जुलाई तक संबंधित जानकारी निआल से ले सकेंगी। निआल इनका निस्तारण 30 अगस्त तक करेगी। कंपनियों को 30 अक्टूबर तक बिड जमा करानी होगी। पंद्रह अक्टूबर तक बिड डाक्यूमेंट खरीदे जा सकेंगे। एयरपोर्ट के अंतर्गत कनसेशन अवधि चालीस साल की होगी। एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण के कार्य में जुटा है। बिड बंद होने तक 80 फीसद जमीन पर कब्जा मिलना जरूरी है।

    एयरपोर्ट का निर्माण होने से दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ, हरियाणा,  उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को खास फायदा होगा। एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल के साथ-साथ घरेलू उड़ान सेवा भी उपलब्ध होगी।

    वर्ष 2043-44 तक बढ़ जाएगा सात करोड़ यात्रियों का दबाव
    पीडब्ल्यूसी के द्वारा कराए गए सर्वे में भी उम्मीद जताई गई है कि वर्ष 2043-44 तक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर करीब सात करोड़ यात्रियों का दबाव होगा। एयरपोर्ट के शुरुआती चरण में यहां करीब 50 लाख यात्रियों का दबाव रहेगा, जबकि पहले चरण की क्षमता करीब एक करोड़ 20 लाख यात्रियों की होगी। वर्ष 2029-30 तक यात्रियों की संख्या में इजाफा होकर करीब एक करोड़ 60 लाख तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।

    ओईसीडी को भी दिया जाएगा मौका
    इकोनॉमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) को भी इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जारी की गई बिड में शिरकत करने का मौका मिलेगा। सीईओ निआल ने बताया कि देश में पूर्व में बने एयरपोर्ट की बिड की शर्तों में इन देशों को कम कर के आंका जाता था। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में इन शर्तों में बदलाव किया गया है। इसमें ओईसीडी देशों को बिड में हिस्सा लेने का पूरा मौका मिलेगा। एयरपोर्ट निर्माण व संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अच्छी कंपनी के चयन में मदद मिलेगी।

    निआल के पास होगा गोल्डन शेयर
    ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए गठित एसपीवी में गोल्डन शेयर निआल के पास होगा। निआल की अनुमति के बिना एयरपोर्ट पर किसी प्रकार की गतिविधि को बढ़ाने घटाने का निर्णय निआल लेगी। सभी तरह के फैसलों में अंतिम निर्णय निआल का होगा।

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