दिल्ली-एनसीआर में 1 अक्टूबर से लागू होगा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, जानिये- ताजा बदलाव के बारे में
Graded Response Action Plan वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयासों के तहत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेप की उपसमिति का पुनर्गठन किया है। इसके तहत आयोग के पदाधिकारी स्वयं संभालेंगे उपसमिति के प्रमुख पद को संभालेंगे।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Graded Response Action Plan: वायु प्रदूषण से जंग में एक अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में लागू होने जा रहे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तमाम प्रविधानों पर अब छह नहीं बल्कि 11 सदस्य मुहर लगाएंगे। दरअसल, ग्रेप में बदलाव के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इसकी उपसमिति का भी पुनर्गठन कर दिया है। उपसमिति के सभी प्रमुख पद आयोग के पदाधिकारी स्वयं संभालेंगे। नई उप समिति सक्रिय भी तत्काल प्रभाव से हो गई है।
गौरतलब है कि ग्रेप के बेहतर ढंग से क्रियान्वयन एवं समय समय पर इसके विभिन्न प्रविधानों को लेकर निर्णय लेने के लिए आयोग ने गत वर्ष सात अक्टूबर को एक छह सदस्यीय उपसमिति का गठन किया था। समिति का अध्यक्ष सीएक्यूएम के तकनीकी सदस्य व संयोजक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव को बनाया गया था।
11 सदस्यीय कमेटी ले सकेंगी निर्णय
बताया गया है कि इसके अन्य सदस्यों में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और सीएक्यूएम के एक एक अधिकारी को शामिल किया गया था, लेकिन अब पुनर्गठन के जरिये इस उप समिति को 11 सदस्यीय कर दिया गया है।
नामी मौसम विज्ञानी को भी किया गया शामिल
उपसमिति का अध्यक्ष सीएक्यूएम के तकनीकी सदस्य डा एनपी शुक्ला को जबकि सदस्य संयोजक सीएक्यूएम के तकनीकी निदेशक राम कुमार अग्रवाल को बनाया गया है। सदस्यों में पूर्व की भांति सीपीसीबी सहित दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान प्रदूषण निकाय अधिकारी तो होंगे ही, सीएक्यूएम के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल, मौसम विज्ञानी डा वीके सोनी, स्वास्थ्य-पर्यावरण विशेषज्ञ डा टीके जोशी और आइआइटीएम पुणे के विज्ञानी डा सचिन डी घुंडे को भी शामिल किया गया है।
सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को दी गई जानकारी
सीएक्यूएम के निदेशक राजेश कुमार द्वारा नई उप समिति को लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है। इस आदेश के मुताबिक उप समिति बीच- बीच में बैठक करके ग्रेप के प्रभावी क्रियान्वयन, वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान को आधार बनाकर लागू किए जाने वाले प्रविधान तथा अन्य निर्णय लेगी। इस आदेश की प्रति केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सचिव और सीपीसीबी चैयरमेन सहित दिल्ली एनसीआर में शामिल सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी भेज दी गई है।

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