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    राजीव आचार्य के संगीतबद्ध काव्य " राम की वनवास लीला " और "देवयानी एक पौराणिक कथा " का विमोचन प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया

    Updated: Sun, 23 Feb 2025 10:24 PM (IST)

    राम की वनवास लीला काव्य को अफेक्शन म्यूजिक कंपनी मुंबई द्वारा भजन के रूप में संगीतबद्ध किया है । जिसका संगीत चंद्रा सूर्या द्वारा तैयार किया गया है और इसे राजीव आचार्य द्वारा गाया गया है । इस भजन में वनवास में प्रभु राम की लीलाओं को मनमोहक दृश्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है । इस की शूटिंग अयोध्या और लखनऊ में की गई है ।

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    इस भजनरूपी काव्य में प्रभु श्रीराम के वनवास काल की लीलाओं को मनमोहक दृश्यों के माध्यम से दर्शाया गया है

    लखनऊ के राजभवन में एक भव्य समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने कवि राजीव आचार्य के संगीतबद्ध काव्य "राम की वनवास लीला" और पुस्तक "देवयानी एक पौराणिक कथा" का विमोचन किया। राज्यपाल ने रचना के लिए शुभकामनाएं दीं और इसकी सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डाला। इस विशेष अवसर पर संगीतकार चंद्रा, सूर्या, निर्देशक ज्ञानेश शुक्ला, सुरभि और राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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    "राम की वनवास लीला" को अफेक्शन म्यूजिक कंपनी, मुंबई द्वारा भजन के रूप में संगीतबद्ध किया गया है। इस भजन का संगीत प्रसिद्ध संगीतकार चंद्रा और सूर्या द्वारा तैयार किया गया है, जबकि इसे कवि राजीव आचार्य ने अपने स्वर में प्रस्तुत किया है।

    इस भजनरूपी काव्य में प्रभु श्रीराम के वनवास काल की लीलाओं को आकर्षक और मनमोहक दृश्यों के माध्यम से दर्शाया गया है। इसमें भगवान राम के आदर्श जीवन, संघर्ष और त्याग को अत्यंत भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया गया है।

    इस काव्य की शूटिंग अयोध्या और लखनऊ की पवित्र स्थलों पर की गई है, जिससे इसके दृश्यों में प्रामाणिकता और भव्यता झलकती है। इस रचना के माध्यम से दर्शकों को रामायण के उस महत्वपूर्ण अध्याय की झलक मिलती है, जिसमें श्रीराम का आदर्श आचरण और मानवीय मूल्यों की झलक मिलती है।

    "देवयानी एक पौराणिक कथा" एक पौराणिक चरित्र देवयानी के जीवन पर आधारित है, जिसमें उनके प्रेम, संघर्ष और सामाजिक परिवेश को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में भारतीय पौराणिक गाथाओं की गहराइयों को उजागर किया गया है, जो पाठकों को प्राचीन कथाओं की दुनिया में ले जाती है।

    इस अवसर ने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और साहित्यिक रचनाओं की निरंतरता में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।