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    दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को बड़ी राहत, DL के लिए अप्लाई किए हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Wed, 09 Jun 2021 03:11 PM (IST)

    परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन आवेदकों का लॉकडाउन में डीएल टेस्ट होना था। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिर दोबारा से नया स्लाट उपलब्ध कराकर चालकों का टेस्ट लिया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया अगले सोमवार से शुरू होगी।

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    डीएल टेस्ट के लिए लोगों को दोबारा मिलेंगे स्लाट

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली अनलॉक होने के बाद जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हो रही है वैसे-वैसे सरकारी दफ्तर भी आम लोगों के लिए खोले जा रहे हैं। इस क्रम में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को राहत देते हुए सरकार फिर से डीएल टेस्ट प्रक्रिया शुरु कर रही है। ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) टेस्ट के लिए लोगों को अब दोबारा स्लाट मिलेंगे। आवेदकों को नए स्लाट आवंटित किए जाएंगे। स्लाट वाली तारीख पर आकर आवेदक को डीएल टेस्ट देना होगा। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन आवेदकों का लॉकडाउन में डीएल टेस्ट होना था। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिर दोबारा से नया स्लाट उपलब्ध कराकर चालकों का टेस्ट लिया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया अगले सोमवार से शुरू होगी।

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    बता दें कि पिछले वर्ष जब लॉकडाउन लगा था उस समय भी आवेदकों को डीएल टेस्ट के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। नए आवेदकों को भी लंबे समय के लिए स्लाट उपलब्ध नहीं हो रहा था। जिसके बाद फिर 45 दिन के अंदर डीएल टेस्ट का स्लाट उपलब्ध कराने को लेकर निर्देश हुए थे। डीएल टेस्ट के बोझ को कम करने के लिए इस वर्ष मार्च महीने में रविवार को भी डीएल टेस्ट की सुविधा को शुरू किया गया था। 

    दरअसल, दिल्ली में अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी कम हो गई है। मंगलवार को 316 कोरोना के नए मामले आए, जबकि सोमवार को 231 मामले आए थे। हालांकि, संक्रमण दर लगातार दूसरे दिन आधा फीसद से कम रही। इसलिए कोरोना नियंत्रित है, लेकिन दूसरी लहर में मृत्यु दर बढ़ गई है। इसका कारण यह है कि कोरोना के नए मामलों के अनुपात में मौतें अब भी अधिक हो रही हैं।

    पिछले 24 घंटे में कोरोना के 41 मरीजों की मौत हो गई। इस वजह से मृत्यु दर 1.74 फीसद पहुंच गई है। 15 अप्रैल को मृत्यु दर डेढ़ फीसद से कम हो गई थी, जो अब बढ़कर करीब पौने दो फीसद हो गई है। यह भी तब जब अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम हो गया है। अभी अस्पतालों में 2,613 मरीज भर्ती हैं।