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Giloy Health Benefits: देश में गिलोय हो सकती है राष्ट्रीय औषधि घोषित, केंद्र सरकार ने तैयार की रणनीति

Giloy Health Benefits केंद्र सरकार ने गिलोय को गुणों से भरपूर माना है। गिलोय अनेक अलग-अलग बीमारियों में लाभदायक है। सभी राज्यों में इसका प्रचार प्रसार करने की केंद्र ने रणनीति तैयार की है। इसके गुणों को लेकर विभिन्न राज्यों में 30 से अधिक शोध करने की तैयारी की है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 10:09 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 10:09 AM (IST)
Giloy Health Benefits: देश में गिलोय हो सकती है राष्ट्रीय औषधि घोषित, केंद्र सरकार ने तैयार की रणनीति

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। यह खबर राहत भरी है कि विभिन्न प्रकार के संक्रमण रोकने में कामयाब साबित हो चुकी गिलोय राष्ट्रीय औषधि घोषित हो सकती है। केंद्र सरकार ने गिलोय को गुणों से भरपूर माना है। गिलोय अनेक अलग-अलग बीमारियों में लाभदायक है। सभी राज्यों में इसका प्रचार प्रसार करने की केंद्र ने रणनीति तैयार की है। इसके गुणों को लेकर विभिन्न राज्यों में 30 से अधिक शोध करने की तैयारी की है। आयुष मंत्रालय ने एक आरटीआइ में गिलोय को राष्ट्रीय औषधि घोषित किए जाने के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर यह जानकारी दी है। 

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पौराणिक कथाओं में गिलोय का उल्लेख मिलता है। जिसमें कहा गया है कि गिलोय के गुण, अमृत के समान हैं। यह बात भी साबित हो चुकी है कि गिलोय अलग-अलग बीमारियों में लाभदायक है। इसे आयुर्वेद, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जा रहा है। कोराना काल में भी गिलोय राम बाण साबित हुई है। अनेक लोगों ने गिलोय को इस दौरान आजमाया है और कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए बनाई गईं आयुर्वेदिक दवाइयों में गिलोय का उपयोग प्रचुर मात्रा में किया गया है। बुखार के साथ साथ आजकल शुगर, एलर्जी और अस्थमा आदि के इलाज में भी इससे इलाज किया जा रहा है।

गांव कादीपुर निवासी व आरटीआइ कार्यकर्ता हरपाल सिंह राणा गिलोय को राष्ट्रीय औषधि घोषित कराने के लिए दो साल से प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली समेत कइ राज्यों को 50 से अधिक पत्र इस बारे में लिखे कि गिलोय को राज्य औषधि घोषित किया जाए। इसी दौरान केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को पत्र लिखे हैं। इसके साथ ही कई आरटीआइ भी लगाईं। अंतिम बार सितंबर 2020 में आयुष मंत्रालय में आरटीआई लगाई। जिसका जवाब आयुष मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की ओर से गत अप्रैल में उनके पास आया है। जिसमें केंद्र सरकार ने भी गिलोय को गुणों से भरपूर माना है। केंद्र ने जवाब में कहा है कि सरकार गिलोय का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस पर संगोष्ठी की जा रही हैं। जीवन के लिए अमृत बताकर इसके प्रचार प्रसार के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सभी राज्यों में प्रचार प्रसार के लिए कार्यक्रम तय किए गए हैं। 2018 से अब तक अलग अलग राज्यों में 30 से अधिक शोध करने की योजना बनाई गई है।

हर जगह आसानी से उगाई जा सकती है गिलोय 

डॉ. तनुजा मनोज नेसरी (निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान) का कहना है कि गिलोय को अमृता भी कहा जाता है। इसकी महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से दो साल से जीवन के लिए अमृत अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत लोगों को गिलोय के फायदे, उसके औषधीय गुणों, औद्योगिक खेती आदि के बारे में जागरूक किया जाता है। यह हर जगह आसानी से उगाई जा सकती है। हर व्यक्ति को इसे अपने घर के आसपास जरूर लगाना चाहिए।

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कौन हैं हरपाल सिंह राणा

हरपाल सिंह राणा कादीपुर पिछले करीब साढ़े तीन दशक से जन सचिवालय के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं अपने पत्रों और आरटीआइ के माध्यम से शासन प्रशासन के सामने समय-समय पर जरूरी विषयों को उठाते रहे हैं और कई नियमों में बदलाव करवा चुके हैं और नए बनवा चुके हैं।


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