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    किस BJP सांसद ने कहा- 'हम पाकिस्तान के चार टुकड़े भी कर सकते हैं'

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 14 Oct 2016 07:59 AM (IST)

    गुलाम कश्मीर को आजाद कराने में दस दिन से ज्यादा का समय नहीं लगेगा। पाकिस्तान की मदद के लिए कोई नहीं आएगा। उसे एटम बम दबाने का भी मौका नहीं मिलेगा।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गुलाम कश्मीर को आजाद कराने में दस दिन से ज्यादा का समय नहीं लगेगा। पाकिस्तान की मदद के लिए कोई नहीं आएगा। उसे एटम बम दबाने का भी मौका नहीं मिलेगा। उक्त बातें भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने किरोड़ीमल कॉलेज में राष्ट्र सेविका समिति के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ‘कश्मीर : धरती पर स्वर्ग’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में कहीं।

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    कार्यक्रम का आयोजन मेधविनी मंडल ने किया था। स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान के सारे एटम बम गिराने के बाद हमारे 10 करोड़ लोग मर सकते हैं, लेकिन जब हम हमला करेंगे तो पाकिस्तान का नामोनिशान नहीं होगा। यह बात पाकिस्तान अच्छी तरह से जानता है।

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    चीन और अमेरिका के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान परमाणु हमला नहीं कर सकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले ढाई साल में हम गुलाम कश्मीर को अपना बना लेंगे। हम पाकिस्तान के चार टुकड़े भी कर सकते हैं। इसमें दोराय नहीं कि हम सेना भेजकर कश्मीर को अपना कर लें।

    सभी विधि अपने पक्ष में हैं। बस अखंड भारत की मंशा होनी चाहिए। यदि हम पाकिस्तान पर हमला करते हैं तो चीन व अमेरिका कुछ नहीं कहेगा। उन्होंने कश्मीर पर चीन के कब्जे के बारे में कहा कि यह समस्या बातचीत से हल होगी।

    एक सवाल के जवाब में स्वामी ने कहा कि कश्मीर से पांच लाख कश्मीरी पंडित विस्थापित हुए हैं, इसलिए वहां हिंदुओं की संख्या कम है। वहां योग्य 10 लाख सेवानिवृत सैनिकों को रहने के लिए भेजा जाना चाहिए। इसके बाद कश्मीरी पंडितों को भेजना चाहिए। कश्मीरी पंडित वहां बसें यह मेरी राय है।

    कश्मीर से यदि धारा 370 हटाई जाती है तो इसका भी कोई विरोध नहीं करेगा, क्योंकि इसके लिए संसद की अनुमति नहीं चाहिए, बस राष्ट्रपति को एक प्रस्ताव भेजना है और यह हम कभी भी कर सकते हैं।

    कार्यक्रम के अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत सह संघ चालक आलोक ने कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान के खिलाफ भारतीय जनसंघ ने सबसे पहले सत्याग्रह किया। 65 और 71 के युद्ध में जितने सैनिक व नागरिक मारे गए, उससे अधिक आतंकवादी घटनाओं में मारे गए।

    यह दशहरा इसलिए विशेष हो गया और दीवाली अधिक प्रकाशमान होगी क्योंकि भारतीय सेना और सरकार ने सीमा पार जाकर आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया। युद्ध की कीमत होती है और उसे चुकाना पड़ता है, लेकिन अपने घर में कोई कहे कि प्रमाण दो, कैसे अपनी सेनाओं से प्रमाण मांग रहे हो।

    अखिल भारतीय सह कार्यवाहिका आशा शर्मा ने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति 40 देशों में काम कर रही है। छतरपुर में 11-13 नवंबर को प्रेरणा शिविर लगेगा, जिसकी पूरी व्यवस्था सेविकाएं करती हैं।