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    Ghaziabad: झोलाछाप डॉक्टरों के पास है हर बीमारी का इलाज, लोगों की जान से कर रहे हैं खिलवाड़

    Ghaziabad News गाजियाबाद के गली-मोहल्लों गांव और शहर की पाश कालोनियों में बुखार उल्टी-दस्त मलेरिया दाद-खाज और खुजली के अलावा सांस के गंभीर मरीजों का इलाज झोलाछाप कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर भोले-भाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कुछ स्वास्थ्यकर्मियों की मिलीभगत से झोलाछापों ने हॉस्पिटल तक खोल रखे हैं। जिले में अनुमानित पांच हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टर हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Tue, 22 Aug 2023 08:19 AM (IST)
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    झोलाछाप डॉक्टरों के पास है हर बीमारी का इलाज।

    गाजियाबाद, मदन पांचाल। उमस भरी गर्मी से संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। ऐसे में गली-मोहल्लों, गांव और शहर की पाश कालोनियों में बुखार, उल्टी-दस्त, मलेरिया, दाद-खाज और खुजली के अलावा सांस के गंभीर मरीजों का इलाज झोलाछाप कर रहे हैं।

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    जिले में अनुमानित पांच हजार से अधिक झोलाछाप भोले-भाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती होने वाले अधिकांश गंभीर मरीजों की हालत खराब होने का कारण झोलाछाप से इलाज कराया जाना है।

    स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कुछ स्वास्थ्यकर्मियों की मिलीभगत से झोलाछापों ने हॉस्पिटल तक खोल रखे हैं। 10 दिन में इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से दो गर्भवती महिलाओं की मौत के आरोप में ऐसे तीन हॉस्पिटल सील किए जा चुके हैं।

    इनमें सिटी हॉस्पिटल, पीजीएम और लाइफ केयर मेडिकल सेंटर शामिल हैं। चार साल में 108 झोलाछाप के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई लेकिन सभी लाइलाज बीमारियों का खुलेआम इलाज कर रहे हैं। भोले भाले लोग इनकी बातों में आकर इलाज कराने के नाम पर अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। अधिकांश एफआइआर नंदग्राम, विजयनगर, लोनी, खोड़ा, साहिबाबाद, लिंक रोड और मसूरी थाने की हैं।

    नोटिस के बारे में जानें

    झोलाछाप को दिए जाने वाले नोटिस के अनुसार हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने और शासनादेशों के विपरीत अयोग्य, अनधिकृत, अपंजीकृत और मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया में पंजीकरण कराए बिना एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा के माध्यम से बीमार लोगों का इलाज किया जाना गैरकानूनी है।

    नोटिस जारी होने के बाद झोलाछाप को क्लीनक बंद करना अनिवार्य होता है। ऐसा न करने पर सुसंगत धाराओं में एफआइआर दर्ज कराने का प्रविधान है। इसके लिए सीएमओ स्तर से क्षेत्रवार नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।

    छोटी दुकान में भी रहता है दो बेड का इंतजाम

    गुलधर रोड संजयनगर में चल रहे बंगाली क्लीनिक में दो बेड का इंतजाम है। पड़ताल में पता चला कि संचालक आरके विश्वास बुखार, पेट दर्द, त्वचा रोग, सांस और हृदय रोगों का भी इलाज करते हैं। पता करने पर सीएमओ कार्यालय में क्लीनिक का पंजीकरण नहीं है।

    बम्हैटा में सुबह-शाम रहती है मरीजों की भरमार

    बम्हैटा में चल रहे बंगाली क्लीनिक और राजीव कालोनी में झोलाछाप की दुकान पर सुबह-शाम मरीजों की भीड़ लगी रहती है। परामर्श के साथ खुद ही दवा देते रहते हैं। अपंजीकृत क्लीनिक के साथ बिना लाइसेंस के दवाएं भी बेच रहे हैं। कई बार मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे सरकारी अस्पताल तक भेजने का काम करते हैं।

    बुखार के इलाज के साथ सर्जरी का भी इंतजाम है

    विजयनगर में संचालित डेविड क्लीनिक के संचालक फिजिशियन के साथ सर्जन भी हैं। बुखार के इलाज के साथ सर्जरी भी करते हैं। बोर्ड पर लिखा है कि महिला चिकित्सक की भी सुविधा है। संचालक ने बीएएमएस की डिग्री दिल्ली से ली है। सीएमओ कार्यालय से इस क्लीनिक का कोई पंजीकरण नहीं है।

    संचालक ने बोला, सीएमओ कार्यालय में मिल आया हूं

    रईसपुर गांव में बंगाली क्लीनिक चला रहे नरेश ने पूछने पर बताया कि वह बीएएमएस हैं। पंजीकरण के बारे में पूछने पर उनका कहना था कि सीएमओ कार्यालय में मिल आया हूं। किससे मिलकर आए यह बताने से इंकार कर दिया।

    वहीं, इस पूरे मामले में गाजियाबाद के सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर का कहना है कि लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप के खिलाफ टीम बनाकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान अपंजीकृत क्लीनिक एवं हॉस्पिटल संचालकों को भी कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। अब तक जारी किए गए नोटिसों की भी जांच कराई जाएगी। 

    इस बारे में आरटीआई कार्यकर्ता, सचिन सोनी ने बताया कि बीमारियों के नाम तक नहीं पता और क्लीनिक खोलकर अनेक झोलाछाप लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की जाएगी।