हवाई चप्पल से हवाई जहाज का गोपाल कांडा ने तय किया सफर, रियल एस्टेट का कारोबार साबित हुआ गेम चेंजर
एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में बरी हुए गोपाल कांडा का जीवन फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर बहुत कम समय में तय किया। सन 2000 की शुरुआत में गुरुग्राम में रियल एस्टेट के कारोबार में तेजी से वृद्धि हो रही थी जो कांडा के लिए वास्तविक गेम चेंजर साबित हुए।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में बरी हुए गोपाल कांडा का जीवन फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर बहुत कम समय में तय किया। उन्हें करीब से जानने वाले कहते हैं कि कांडा ने अपनी कमाई एक जूते और चप्पल की दुकान के अलावा रेडियो मरम्मत व्यवसाय से शुरू की, जो जल्द ही एक जूता बनाने की इकाई में बदल गई।
रियल एस्टेट का कारोबार साबित हुआ गेम चेंजर
सन 2000 की शुरुआत में गुरुग्राम में रियल एस्टेट के कारोबार में तेजी से वृद्धि हो रही थी जो कांडा के लिए वास्तविक गेम चेंजर साबित हुए। इससे उन्होंने अपना भाग्य बनाया और अंततः अपनी खुद की एयरलाइंस सेवा शुरू की। एयर लाइंस सेवा का नाम उन्होंने अपने पिता मुरली धर लाख राम (एमडीएलआर) के नाम पर रखा।
जानकार बताते हैं कि कांडा ने कैसे यह उपनाम अर्जित किया। उनके पूर्वज व्यापारी थे जो सिरसा के साप्ताहिक बाजारों में किराने का सामान और सब्जियां तौलते थे। यह वह पैमाना था जो गोपाल गोयल और उनके रिश्तेदारों का पर्याय बन गया, जिन्होंने अंततः वजन और पैमाने को संदर्भित करने के नाम कांडा को अपने उपनाम के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया।
नब्बे के दशक के मध्य में कांडा प्रापर्टी कारोबार में उतर गये और भूखंडों की खरीद-फरोख्त का काम करने लगे। मार्केटिंग और नेटवर्किंग उनके प्रमुख कौशल थे। कुछ ही समय में, वह संपत्ति के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गए। जैसे-जैसे उन्होंने पैसा कमाया और आगे बढ़े, वह राजनेताओं के साथ-साथ उस समय के गैंगस्टरों के भी करीब आ गए।
कांडा ने लॉन्च किया था एमडीएलआर एयरलाइंस
अपने राजनीतिक करियर के बढ़ने और चौटाला परिवार से निकटता के बाद, कांडा ने एमडीएलआर एयरलाइंस लांच की। उन्होंने पहले ही सिरसा में अपने आलीशान घर के अलावा एक नेत्र अस्पताल खोल लिया था और एक ऊंची शिव प्रतिमा और एक स्कूल बनवाया था।
2009 में चुनाव लड़ने की जाहिर की थी इच्छा
अनौपचारिक रूप से इंडियन नेशनल लोक दल से जुड़े कांडा ने 2009 में चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। वे टिकट हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाए। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और आइएनएलडी के उम्मीदवार को भारी अंतर से शिकस्त दी।
2009 के विधानसभा चुनावों के दौरान सिरसा शहर निर्वाचन क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करते समय, कांडा ने 10 आपराधिक मामलों में आरोपित होने की घोषणा की, जिसे उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताया। जीत के बाद उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के साथ गठबंधन किया और उन्हें राज्य का गृह मंत्री बनाया गया।
एक राजनीतिक पद और एक एयरलाइंस के साथ, कांडा उस समय दी जाने वाली भव्य पार्टियों के लिए प्रसिद्ध हो गए। उनके सुनहरे दिन अधिक नहीं चले और 2009 में एयरलाइंस बंद हो गई, लेकिन कांडा ने पहले ही अपना व्यवसाय बढ़ा लिया था और कैसीनो और होटल सहित अन्य उद्यमों में शामिल हो गए। 2012 का गीतिका शर्मा मामला उस समय उनके राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और जेल भी जाना पड़ा।
2014 में जमानत पर रिहा होने के बाद, कांडा ने फिर से सियासी पारी शुरू की। हरियाणा लोकहित नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई, लेकिन चुनाव हारने के बाद यह आगे नहीं बढ़ सकी। पांच साल बाद उनकी किस्मत फिर चमकी। 2019 में कांडा चुनाव जीत गए और उनके लिए स्थितियां सामान्य होती चली गईं।
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