गौतम गंभीर को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, कोरोनाकाल में दवाओं के अवैध भंडारण-वितरण से जुड़ा है मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के दौरान दवाओं के अवैध वितरण के मामले में गौतम गंभीर को राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया लेकिन उनकी एक अन्य याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। अदालत ने गंभीर के वकील के तर्कों को खारिज कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच व पूर्व भाजपा सांसद गौतम गंभीर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने राहत देने से इनकार करते हुए गंभीर की एक अन्य याचिका पर सुनवाई पर सहमति जताई है। इममें प्राथमिकी रद करने और ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक हटाने के नौ अप्रैल के आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। इस मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
रोक को बहाल करने की मांग करने वाले गंभीर के वकील के अनुरोध को ठुकराते हुए अदालत ने कहा कि एक बार जब याची को रोक मिल जाती है, तो वह अदालत में पेश होना बंद कर देते हैं और जांच रुक जाती है। प्रकरण में कुछ भी नहीं बचता और पूरा मामला ही खत्म हो जाता है।
गंभीर की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राय ने गंभीर की साख का हवाला देते हुए कहा कि वह एक पूर्व सांसद के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे हैं।
कोरोना महामारी के दौरान उनके मुवक्किल ने ऐसे वक्त में जनता को ऑक्सीजन सिलिंडर और दवाइयां दान करके मदद की थी, जब पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी और सरकार भी अक्षम हो गई थी।
गंभीर के पद और साख का हवाला देने से पर कड़ी टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा कि अगर एक साधारण सा अनुरोध किया गया तो अदालत उस पर विचार करती, लेकिन याची का नाम, उसकी साख, उसके द्वारा किए गए काम बताने की कोशिश की गई, जोकि अदालत में यह काम नहीं करता।
अदालत के रुख को देखते हुए गंभीर के अधिवक्ता ने माफी मांगते हुए अदालत से अनुरोध किया कि या तो ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगी रोक बहाल की जाए या उस तारीख से पहले उनकी याचिका पर सुनवाई की जाए। अनुरोध को स्वीकार करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 29 अगस्त के लिए तय कर दी।
20 सितंबर 2021 को हाई कोर्ट ने गंभीर की अपील याचिका पर ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी। साथ ही मामले में गौतम गंभीर फाउंडेशन, गौतम गंभीर और उनके परिवार के सदस्यों की याचिका पर दिल्ली औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से जवाब मांगा था।
गौतम गंभीर ने मामले में आपराधिक शिकायत और ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन आदेश को चुनौती दी थी। औषधि नियंत्रण विभाग ने गंभीर, उनके फाउंडेशन, उनकी सीईओ अपराजिता सिंह, उनकी मां सीमा गंभीर और पत्नी नताशा गंभीर के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रविधानों के तहत अपराधों के लिए शिकायत दर्ज की।
अधिनियम की धारा 18(सी) बिना लाइसेंस के दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगाती है, जबकि धारा 27(बी)(दो) वैध लाइसेंस के बिना बिक्री, वितरण पर अधिकतम पांच साल सजा व जुर्माना प्रविवधान है।
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