Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली में सिर्फ पांच स्थानों पर कर सकेंगे गणपति विसर्जन, गणेश उत्सव को लेकर दिल्ली सरकार का फैसला

    दिल्ली में गणपति विसर्जन की तैयारियों को जिला प्रशासन ने तेज कर दिया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करोल बाग कोतवाली और सिविल लाइंस में विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। सुरक्षा और सफाई के विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने यमुना में विसर्जन न करने की अपील की है ताकि पर्यावरण का ध्यान रखा जा सके।

    By Kushagra Mishra Edited By: Kushagra Mishra Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:14 PM (IST)
    Hero Image
    गणपति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन ने पांच जगह की चिह्नित। आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गणपति बप्पा के विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन ने राजधानी में तैयारियां तेज कर दी हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तीन स्थलों को फाइनल कर दिया गया है।

    इनमें करोल बाग स्थित अजमल खान पार्क, कोतवाली क्षेत्र का गोपाल मालिक पार्क और सिविल लाइंस इलाके में निर्धारित स्थल शामिल हैं। बाकी दो स्तर सिविल लाइन्स में होंगे, जिनकी जल्द घोषणा की जाएगी।

    प्रशासन ने इन स्थानों पर पुलिस बल की विशेष तैनाती, सफाई व्यवस्था और यातायात प्रबंधन के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।

    साथ ही, विसर्जन स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं को सुचारु मार्गदर्शन के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

    एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गणपति विसर्जन हमारे लिए धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है।

    इसलिए प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालु शांति, सुरक्षा और श्रद्धा के साथ विसर्जन कर सकें। सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएंगी और किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।

    पिछले वर्षों की तरह इस बार भी प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विसर्जन स्थलों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। साथ ही जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि यमुना नदी में गणपति बप्पा का विसर्जन न करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें- दिल्ली की कितनी है प्रति व्यक्ति आय? राजधानी से आगे सिर्फ एक राज्य है आगे