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    G20 in Delhi: सबसे मजबूत होगा US President का सुरक्षा घेरा, Airforce-1 की लैंडिंग से पहले बंद होगा एयर स्पेस

    By Gautam Kumar MishraEdited By: Geetarjun
    Updated: Fri, 01 Sep 2023 01:26 AM (IST)

    G20 Summit in Delhi जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचने वाले तमाम मेहमानों की सुरक्षा में कोई कसर नहीं रहे इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यूं तो सभी मेहमानों की सुरक्षा पर तमाम एजेंसियों का ध्यान रहेगा लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का सुरक्षा घेरा सबसे अधिक मजबूत रहेगा। लैंडिंग से पहले एयर स्पेस बंद हो जाएगा।

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    सबसे मजबूत होगा US President की सुरक्षा घेरा, Airforce-1 की लैंडिंग से पहले बंद होगा एयर स्पेस

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। G20 Summit in Delhi: जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचने वाले तमाम मेहमानों की सुरक्षा में कोई कसर नहीं रहे, इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यूं तो सभी मेहमानों की सुरक्षा पर तमाम एजेंसियों का ध्यान रहेगा, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का सुरक्षा घेरा सबसे अधिक मजबूत रहेगा।

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    एयरपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान एयरफोर्स वन (Airforce One) की लैंडिंग से करीब 10 मिनट पूर्व नई दिल्ली व आसपास के इलाके का एयर स्पेस बंद किया जा सकता है। एयर स्पेस बंद तब तक रहेगा जब तक बाइडन पालम टेक्निकल एरिया से अपने काफिले के साथ होटल या समारोह स्थल के लिए रवाना नहीं हो जाते।

    8 या 9 सितंबर को पहुंचेंगे बाइडन

    बाइडन के आठ या नौ सितंबर को नई दिल्ली पहुंचने की संभावना है। उनका विमान आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport Delhi) के रनवे पर कितने बजे लैंड करेगा, इसकी सूचना सुरक्षा एजेंसियों को आगमन से कुछ घंटे पहले ही मिलेगी।

    एक तरह के दो विमान करते हैं लैंड

    सामान्य तौर पर अमेरिका से बाहर राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सुरक्षा कारणों से एयरफोर्स वन की लैंडिंग से पहले या इसके पश्चात इसी की तरह दिखने वाला एक विमान लैंड करता है। दो विमान दिखने में बिल्कुल एक जैसे नजर आते हैं लेकिन किसी को यह पता नहीं होता है कि किस विमान में राष्ट्रपति हैं।

    ऐसे में यदि एयर स्पेस को बंद करने से जुड़ी प्रक्रिया दोनों बार की जाती है तो करीब पौने घंटे तक विमानों की आवाजाही प्रभावित रह सकती है।

    हवा का रुख तय करेगा किस रनवे पर उतरेगा विमान

    एयरफोर्स वन के पायलट को इस बात की आजादी रहेगी कि वह अपना विमान आईजीआई एयरपोर्ट के चार रनवे में किसी भी रनवे पर अपनी सुविधा के अनुसार लैंड करा दे। लेकिन भारतीय एजेंसियों की प्राथमिकता एयरफोर्स वन की लैंडिंग के लिए सुरक्षा कारणों से टेक्निकल एरिया से सटे रनवे की होती है।

    यदि हवा का रुख अनियंत्रित रहा तो एयरफोर्स वन किस रनवे पर लैंड करेगा, इसका निर्धारण इस आधार पर होगा कि हवा किस दिशा में चल रही है।

    लैंडिंग से लेकर विमान से बाहर निकलने तक लगेगा करीब 20 मिनट

    एयरफोर्स वन विमान के लैंडिंग के दौरान रनवे पर उतरने (टच डाउन), टैक्सी वे तक पहुंचने और विमान के रुकने तक में करीब 10 मिनट का समय लगेगा। विमान के रुकने के बाद इसमें लैडर लगाने की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान अन्य तरह की तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने में करीब 10 मिनट का समय लगता है।

    इसके बाद राष्ट्रपति विमान से बाहर निकलेंगे। यहां उनके आगमन पर औपचारिक स्वागत समारोह के बाद टेक्निकल एरिया के रास्ते से सीधे बाहर निकल जाएंगे। इस दौरान एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही बंद रहेगी।