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    G-20 Summit: लुटियंस दिल्ली में इन्होंने मचा रखा है 'आतंक', सम्मेलन में विदेशी मेहमानों को कर सकते हैं परेशान

    राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। दिल्ली का सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाका लुटियंस हो गया है क्योंकि इसी इलाके में जी-20 के कार्यक्रम उनके रुकने का स्थान है। लेकिन इन इलाकों में बड़ी संख्या में मौजूद बंदरों ने समस्या पैदा कर रखी है। एनडीएमसी (नई दिल्ली पालिका परिषद) ने इस समस्या का हल भी निकाल लिया है।

    By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 29 Aug 2023 05:51 PM (IST)
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    लुटियंस दिल्ली में बंदरों के आतंक को कम करने के लिए एनडीएमसी ने निकाला हल।

    नई दिल्ली, पीटीआई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है। दिल्ली का सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाका लुटियंस हो गया है, क्योंकि इसी इलाके में जी-20 के कार्यक्रम, उनके रुकने का स्थान है। लेकिन इन इलाकों में बड़ी संख्या में मौजूद बंदरों ने समस्या पैदा कर रखी है। एनडीएमसी (नई दिल्ली पालिका परिषद) ने इस समस्या का हल भी निकाल लिया है।

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    दिल्ली में लगभग 26 राष्ट्राध्यक्ष और 14 अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के प्रतिनिधिमंडल पहुंचेंगे। विदेशी मेहमानों का आगमन 7 सितंबर से शुरू हो जाएगा। सम्मेलन के दौरान बंदरों को डराने के लिए लुटियंस दिल्ली में लंगूर की नकल करने वालों को तैनात किया जाएगा।

    बंदरों को भगाने के लिए की ये व्यवस्था

    एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि नगर निकाय 30-40 प्रशिक्षित व्यक्तियों को तैनात करेगा, जो बंदरों को डराने के लिए लंगूर की आवाज की नकल कर सकें।

    एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि शिखर सम्मेलन के मुख्य स्थल, होटल (जहां विदेशी मेहमान ठहरेंगे), सहित सभी महत्वपूर्ण स्थलों को कवर किया जा रहा है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यक्रम के दौरान यहां बंदर न जुटें।

    बंदरों की लगातार बढ़ रही है आबादी

    बंदरों की अनियंत्रित आबादी के कारण शहर भर में उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसमें नई दिल्ली के इलाके (लुटियंस दिल्ली) भी शामिल हैं। यहां बंदर इधर-उधर घूमते रहते हैं और अक्सर लोगों पर हमला कर देते हैं।

    इसी को देखते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली सरकार के वन विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि 9-10 सितंबर तक होने वाले महत्वपूर्ण जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान बंदर उत्पात न मचाएं।

    बंदरों ने पौधों और फूलों को पहुंचाया नुकसान

    अधिकारी ने बताया कि अन्य बंदरों ने उन पौधों और फूलों को नुकसान पहुंचाया है, जो विभिन्न एजेंसियों द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन के लिए बागवानी भूदृश्य का हिस्सा थे। अधिकारियों ने कहा कि नई दिल्ली को आईजीआई हवाई अड्डे से जोड़ने वाले सरदार पटेल मार्ग को मूर्तियों, फव्वारों, स्ट्रीट फर्नीचर और बहुत सारी हरियाली और फूलों के पौधों की स्थापना के साथ नया रूप दिया गया है क्योंकि शिखर सम्मेलन के लिए सभी प्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति सड़क से गुजरेंगे।

    बंदरों के लिए की जाएगी भोजन की व्यवस्था

    उन्होंने कहा कि रिज पर चिह्नित स्थानों पर फल और सब्जियां जैसी खाने की चीजें उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि बंदर भोजन की तलाश में मानव बस्तियों में न आएं।