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    मौर्य से लेकर शेर शाह सूरी, हुमायूं और अकबर की कहानी... 15 अगस्त से पुराना किला में दिखेगा दिल्ली का इतिहास

    By V K ShuklaEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 03:53 PM (IST)

    5 अगस्त से पुराना किला में आप दिल्ली का इतिहास देख सकेंगे यहां लाइट एंड साउंड शो शुरू होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में दिल्ली के साथ-साथ पुराना किला के इतिहास पर फोकस रहेगा इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है जल्द ही इसके लिए ट्रायल शुरू होने जा रहा है। यह कार्यकम इस बार आधे घंटे का होगा।

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    यह कार्यकम इस बार आधे घंटे का होगा।

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। 15 अगस्त से पुराना किला में आप दिल्ली का इतिहास देख सकेंगे, यहां लाइट एंड साउंड शो शुरू होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में दिल्ली के साथ-साथ पुराना किला के इतिहास पर फोकस रहेगा इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है, जल्द ही इसके लिए ट्रायल शुरू होने जा रहा है।

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    यह कार्यकम इस बार आधे घंटे का होगा। इस बार इस कार्यक्रम को प्रस्तुत करने में बदलाव किया गया है। पहले हिंदी और अंग्रेजी में अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। इस बार और बेहतर तकनीक का उपयाेग किया जा रहा है। इसके तहत कार्यक्रम एक ही बार आयोजित हाेगा, मगर इसे हिंदी और अंग्रेजी दाेनों भाषाओं में सुना जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर एक और भाषा काे भी इसमें जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए दर्शकों को इयरफोन दिया जाएगा, जिसमें हिंदी या अंग्रेजी भाषा का वह चुनाव कर सकेंगे।

    पांडवकालीन इतिहास की भी दिखेगी झलक

    पुराना किला में अब पांडवकालीन इतिहास भी देखने को मिल सकेगा। शुरू होने जा रहे लाइट एंड साउंड शो में पांडवों के समय के इतिहास को भी दिखाए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही मौर्य, कुषाण के लेकर शेर शाह सूरी और हुमायूं से लेकर अकबर के पुराना किला से संबंधित इतिहास दिखाया जाएगा।

    आईटीडीसी (इंडियन टूरिज्म डवपलमेंट कार्पोरेशन) इस लाइट एंड साउंड शाे को हुमायूं के दरवाजे पर फिट कर चुका है। दरवाजे के पास लोहे के दो मोटे पाेल पर चार प्रोजक्टर लगाए गए हैं। हुमायूं के दरवाजे के खुले भागों पर परदे लगाए गए हैं, अलग अलग भागों में लाइटें लगाई गई हैं।

    मई में शुरू होना था शो

    पहले मई के अंत तक इस शो को शुरू कर देने की योजना थी, मगर अब इसे 15 अगस्त से शुरू किया जाएगा। जिसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से अनुमति ली गई है। पुराना किला में इससे पहले 2015 में इसी तरह का लाइट एंड साउंड शाे शुरू किया गया था, जो कुछ सालों तक चला था।

    पुरातत्व व इतिहास से जुड़े जानकार बताते हैं कि उस लाइट एंड साउंड शो में पुराना किला पर फाेकस नहीं था, जबकि जो लोग शो देखने जाते थे वे इसी उद्देश्य से जाते थे कि शो पुराना किला पर आधारित होगा। वह शो 1100 ईसवी से शुरू होता था, उसमें कुछ इतिहास पृथ्वी राज चौहान के समय का होता था और उसके बाद गुलाम वंश से लेकर मुगलों तक का बहुत लंबा इतिहास था। वह कहते हैं कि उस शो में राेचकता कम थी, जबकि इस बार शाे में पुराना किला पर फाेकस रखा गया है।

    रिपोर्ट इनपुट- वीके शुक्ला