डिजिटल अरेस्ट से लेकर शेयर बाजार में निवेश तक... ऐसे जाल में फंसाते थे शिकार; 1.5 करोड़ से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी
द्वारका में ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों को शेयर बाजार में निवेश डिजिटल अरेस्ट और बीमा के पैसे दिलवाने के नाम पर ठगा गया है। इन मामलों में बुजुर्गों को निशाना बनाया गया है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन पीड़ितों को पैसे वापस मिल पाएंगे या नहीं यह कहना मुश्किल है।
सोनू राणा, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका इलाके में आठ लोगों से डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी के आठ मामले सामने आए हैं। इन लोगों से इसी वर्ष ठगी की गई है, लेकिन द्वारका जिले की साइबर थाना पुलिस ने ये मामले अक्टूबर में दर्ज किए हैं।
इन मामलों में ज्यादातर बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाया गया है। इनमें भी सबसे ज्यादा मामले शेयर बाजार में निवेश करवाने के नाम पर ठगी के हैं। इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा को 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर उससे 20 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली गई।
साथ ही बीमे के पैसे दिलवाने के नाम पर भी लाखों रुपये ऐंठ लिए गए। यह ठगी जनवरी से लेकर अक्टूबर तक की गई है। फिलहाल पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि पीड़ितों को पैसे वापस मिल पाएंगे या नहीं। पेश हैं ठगी के कुछ बड़े मामले...
केस एक: 41 लाख की ठगी
द्वारका सेक्टर सात के सेवानिवृत्त विंग कमांडर जगदीप सिंह ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग को लेकर गूगल पर एक विज्ञापन देखा था। विज्ञापन पर दिए गए नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें 31 जनवरी को एक वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप में इक्विटी बाजार पर फोकस किया जा रहा था।
तीन अप्रैल को उन्हें दूसरे ग्रुप (शर्मा क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग) में जोड़ दिया गया। उन्हें फिर सेंसेक्स ग्लोबल एक्सचेंज के साथ पंजीकरण करने और पैसे जमा करने को कहा गया। इन ग्रुपों में लोग शेयर बाजार में निवेश करने और उससे मिलने वाले मुनाफे की जानकारी साझा कर रहे थे।
इससे आकर्षित होकर जगदीप सिंह ने भी पैसे लगाए। उन्हें कहा गया कि इन पैसों को डालर में कनवर्ट कर सेंसेक्स क्रिप्टो खाते में जमा किया जाएगा। 41 लाख 24 हजार रुपये लगाने के बाद उनके द्वारा रजिस्टर करवाए गए खाते में उन्हें छह करोड़ से ज्यादा बैलेंस दिखाई देने लगा।
बाद में उन्हें कहा गया कि एक्सचेंज में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा जांच की जा रही है, इसलिए वह जल्द से जल्द अपने पैसे निकाल लें। जब वह पैसे निकालने लगे तो उनसे चार्ज के नाम पर 19 लाख रुपये जमा करने को कहा गया। जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो पुलिस को शिकायत की।
केस दो: डिजिटल अरेस्ट कर 24 लाख की ठगी
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रेया नामक युवती को पिछले महीने अज्ञात नंबर से कॉल आता है। कॉलर बताता है कि उनके द्वारा भेजा गया एक पैकेज आईजीआई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने रोक लिया है।
पैकेज में पांच अवैध पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड व ड्रग्स हैं। इस पैकेज को थाइलैंड भेजा जा रहा था। इसके बाद कॉल को साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को ट्रांसफर कर दिया गया।
कॉलर ने खुद को साइबर सेल का अधिकारी बताते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी।इसके बाद जांच के नाम पर उन्हें 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया।
हॉस्टल में रह रही छात्रा को इसकी जानकारी किसी से साझा न करने को कहा गया।उनसे कहा गया कि इसकी जानकारी अगर किसी को दी तो वह उन्हें फिजिकल अरेस्ट कर जेल भेज देंगे। उन्हें न ही मैस में खाना खाने दिया गया।वार्डन से कहकर खाना भी होस्टल के कमरे में मंगवा लिया गया।
वीडियो कॉल में पुलिस अधिकारी की वर्दी पहने लोग आ रहे थे और फिर उनसे उनके बैंक खातों व एफडी आदि की जानकारी ली गई। छात्रा को कहा गया कि वह बैंक जाकर पैसे निकलवाए और उन पैसों को उनके बैंक खाते में डाल दे। जांच के बाद इन पैसों को वापस भेज दिया जाएगा।
छात्रा इतनी डरी हुई थी कि अपने बैंक खाते से 24 लाख 15 हजार रुपये निकलवाए और उन्हें ट्रांसफर कर दिए।बाद में उन्होंने श्रेया से उनके पिता का नंबर लेकर उन्हें कॉल किया व बताया कि उनकी बेटी से 24 लाख 15 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी कर ली गई है।
केस तीन: 28 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी
14 जुलाई को द्वारका इलाके के आशीष को एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। इस वाट्सएप ग्रुप में शेयर बाजार में निवेश करने के टिप्स दिए जा रहे थे। इसके बाद उन्हें पांच हजार रुपये के पेड वाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया।
इस ग्रुप में जुड़ने के बाद उनसे ट्रेडिंग की एक एप डाउनलोड करवाई गई। 16 अगस्त से उन्होंने भी ट्रेडिंग करनी शुरू कर दी।
एक लाख, दो लाख, पांच लाख करते करते उनसे 28 लाख 48 हजार 50 रुपये निवेश के नाम पर जमा करवा लिए।जब वह पैसे निकालने लगे तो पैसे निकले ही नहीं। जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो पुलिस को शिकायत की।
केस चार: शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 14 लाख की धोखाधड़ी
इसी तरह द्वारका के प्रदीप को भी ठगों ने अपना शिकार बनाया। अप्रैल में उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया।वहां उन्हें शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कमाने को कहा गया।
इसके बाद उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया व उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने वाली कंपनी में खाता खोलने को कहा गया।
दस जुलाई को उन्होंने उस खाते में 25 हजार रुपये लगाए। इसके बाद उन्हें कुछ अतिरिक्त शेयर खरीदने को कहा गया। उन्होंने एक लाख एक हजार रुपये लगाए तो उन्हें अधिक मुनाफा कमाने की बात कहकर और शेयर खरीदने को कहा गया।
14 लाख 39 हजार रुपये निवेश करवाने के बाद उनके खाते में मुनाफे के बाद 35 लाख रुपये दिखाई देने लगे।जब उन्होंने पैसे निकालने चाहे तो उनसे अलग अलग चार्ज मांगना शुरू कर दिया गया। जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो पुलिस के पास पहुंचे।
केस पांच: 31 लाख रुपये बीमे के पैसे दिलवाने के नाम पर ठगे
द्वारका के गिरराज नारायण सक्सेना को नौ अगस्त को एक अज्ञात नंबर से कॉल आता है। कॉलर खुद को कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताता है और कहता है कि वह घर पर नहीं थे, इसलिए उनका पार्सल दूसरे आदमी को दे दिया गया है।
कॉलर ने एक नंबर दिया व पार्सल लेने को कहा। गिरराज ने उस नंबर पर कॉल किया तो उसने बीमे के पैसे दिलाने की बात कह एक लाख रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में देने को कहा।
इसके बाद प्रोसेसिंग फीस के नाम पर चार लाख 55 हजार रुपये ले लिए।फिर कॉलर ने बताया कि उनकी बीमा की पालिसी 99 लाख 27 हजार रुपये की है।
इसके बाद इन पैसों को बिना टैक्स के प्राप्त करवाने के नाम पर आठ लाख 31 हजार और ले लिए। फिर उनसे अलग-अलग चार्ज के नाम पर 17 लाख 42 हजार रुपये ले लिए गए।
इसके बाद उनसे 22 लाख 50 हजार रुपये और मांगे। उनसे कुल 31 लाख 28 हजार रुपये की ठगी कर ली गई।इसी तरह द्वारका के ही नरेश चंद्र बंसल से दो लाख 76 हजार 800 रुपये, वैंकटरमन से पांच लाख रुपये, द्वारका की मिनाक्षी से फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश करवाने के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपये ठग लिए गए।
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