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    दिल्ली के इस अस्पताल में बच्चों में दुर्लभ जन्मजात बीमारियों की होगी फ्री जांच, इलाज के लिए उपलब्ध रहेंगे विशेषज्ञ डॉक्टर

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 06:32 PM (IST)

    दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में अब बच्चों में जन्मजात और दुर्लभ बीमारियों की मुफ्त जांच होगी। निजी अस्पतालों में इन जांचों के लिए बहुत अधिक पैसे लगते हैं। अस्पताल में जेनेटिक डिसऑर्डर की जांच के लिए मशीनें लगाई जा रही हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज के लिए भी उपलब्ध रहेंगे। इससे कई बच्चों को समय पर इलाज मिल सकेगा।

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    दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में अब बच्चों में जन्मजात और दुर्लभ बीमारियों की मुफ्त जांच होगी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वर्तमान समय में बच्चों में जन्मजात बीमारियां आम हो गई हैं। कुछ दुर्लभ बीमारियां तो ऐसी हैं जिनका इलाज तो दूर, जांच भी सामान्य परिवारों के बजट से बाहर है। निजी अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज और जांच इतनी महंगी है कि एक सामान्य नौकरीपेशा व्यक्ति का मासिक वेतन जांच पर खर्च हो जाता है। 

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    इसके विपरीत, अधिकांश सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों का पता लगाने के लिए न तो मशीनें हैं और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर। अब आरएमएल अस्पताल ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए राहत की खबर बनने जा रहा है।

    नवजात शिशुओं या छोटे बच्चों में जेनेटिक डिसऑर्डर (आनुवांशिक विकारों) की जांच के लिए अस्पताल में मशीनें मंगवाई जा रही हैं। नए साल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक शुरू होते ही जांच और इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।

    आरएमएल अस्पताल में बायोटिनिडेस, गैलेक्टोसिमिया, ग्लूकोज-6 फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज की कमी, जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म, जन्मजात एड्रिनल हाइपरप्लासिया आदि दुर्लभ आनुवंशिक रोगों की जाँच के लिए मशीनें लाई जा रही हैं। इनमें से जन्मजात एड्रिनल हाइपरप्लासिया की जाँच इतनी महंगी है कि निजी तौर पर यह जाँच करवाने के लिए 20 से 50 हज़ार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।

    वहीं, अन्य विकारों की जाँच के लिए एक से पाँच हज़ार रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। आरएमएल अस्पताल में इनकी जाँच मुफ़्त होगी, जबकि विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज के लिए उपलब्ध रहेंगे। इन दुर्लभ आनुवंशिक रोगों में स्क्रीनिंग बहुत ज़रूरी है। सटीक जाँच न होने के कारण कई बच्चों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता।

    आनुवांशिक और अन्य बीमारियों का इलाज उपलब्ध 

    आरएमएल अस्पताल में निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का काम अगस्त 2019 में शुरू हुआ था। कोरोना के कारण काम प्रभावित होने पर इसे दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। अब इसे मार्च 2026 तक शुरू करने का नया लक्ष्य रखा गया है। ॉ

    निदेशक प्रो. अशोक कुमार के अनुसार, कार्यों का आकलन किया जा रहा है। शेष बचे काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि मरीजों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। दरअसल, आरएमएल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक तैयार होने के बाद कई तरह की सुविधाएं बढ़ेंगी।

    हृदय और तंत्रिका संबंधी बीमारियों के साथ-साथ किडनी, लिवर और कैंसर के इलाज की भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, मशीनों द्वारा न केवल दुर्लभ आनुवंशिक बीमारियों का सटीक निदान किया जा सकेगा, बल्कि विशेषज्ञ डॉक्टर बच्चों का इलाज भी करेंगे।