Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    DU के इस कॉलेज में दिव्यांगों को मिलेगा फ्री खाना, दो बार खाने के लिए करना होगा ये काम

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 26 May 2025 06:04 PM (IST)

    दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में अब दिव्यांग छात्र कैंटीन में मुफ्त नाश्ता और दोपहर का भोजन कर सकेंगे। कैंटीन संचालक ने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है। छात्रों को बस अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। एक छात्र की रियायत की मांग पर संचालक ने सभी दिव्यांगों के लिए भोजन मुफ्त कर दिया। बीए का छात्र सनी ठाकुर जूस का खर्च वहन करेगा।

    Hero Image
    दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में अब दिव्यांग छात्र कैंटीन में मुफ्त भोजन कर सकेंगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में पढ़ने वाले दिव्यांग छात्र अब कॉलेज की कैंटीन में मुफ्त नाश्ता और दोपहर का भोजन कर सकेंगे।

    कैंटीन संचालक ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे कॉलेज के दिव्यांग छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह पहल की है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए छात्रों को कॉलेज का पहचान पत्र दिखाना होगा और वे मुफ्त भोजन प्राप्त कर सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, एक छात्र ने कैंटीन संचालक से दिव्यांग छात्रों के लिए खाने में रियायत मांगी थी। संचालक ने रियायत देने की जगह सभी दिव्यांग छात्रों के लिए खाना मुफ्त करने का फैसला लिया। छात्र इस सुविधा का लाभ सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उठा सकेंगे।

    कैंटीन संचालक राजेंद्र तोमर का कहना है कि मेरा मानना ​​है कि भगवान ने हमें काबिल बनाया है, इसलिए हमें दूसरों के लिए जितना हो सके उतना करना चाहिए। एक छात्र ने खाने के दाम में रियायत मांगी थी। मैंने सभी दिव्यांगों को पूरी तरह मुफ्त खाना देने का फैसला लिया है। नाश्ते में चाय और जूस के साथ समोसे, पराठे, सैंडविच ले सकते हैं। लंच में छोले-चावल, राजमा-चावल, पूरी-सब्जी के अलावा थाली भी मिलती है।

    कैंटीन खर्च में योगदान देगा बीए का छात्र 

    कॉलेज में बीए (प्रोग्राम) द्वितीय वर्ष के छात्र सनी ठाकुर ने कैंटीन संचालक से दिव्यांग छात्रों को भोजन में कुछ छूट देने की मांग की थी। सनी ने बताया कि एक दृष्टिबाधित मित्र कहता था कि पहला लेक्चर अटेंड करने की जल्दी के कारण वह सुबह नाश्ता नहीं कर पाता।

    वह हर दिन कैंटीन में नाश्ता भी नहीं कर सकता। उसकी परेशानी को देखते हुए उसने कैंटीन में छूट मांगी थी। मैं सहयोग करूंगा और कैंटीन में दिव्यांग छात्रों के लिए जूस का खर्च वहन करूंगा।