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    Fraud News: सरकारी मेडिकल कालेज में MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगे 20 लाख रुपये, जानें पूरा मामला?

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jun 2022 01:35 PM (IST)

    दिसंबर 2020 में उन्होंने आरोपितों को दो बार में 20 लाख रुपये दे दिए। पीड़ित ने मेडिकल कालेज की वेबसाइट पर देखा तो उन्हें वहां सरकारी कोटे की छह सीट रिजर्व होने का पता चला। वहीं दाखिला के लिए उनके पास नेशनल मेडिकल कमीशन के आधिकारिक नंबर से फोन आया।

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    सरकारी मेडिकल कालेज में सरकारी कोटे की सीट बेचने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सरकारी मेडिकल कालेज में सरकारी कोटे की सीट बेचने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। तीन आरोपितों ने एक शिक्षक के बेटे का एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर 20 लाख रुपये ठग लिए। हैरानी की बात यह है कि आरोपितों ने पीड़ित को विश्वास में लेने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन के आधिकारिक नंबर का इस्तेमाल करने के अलावा मौलाना आजाद मेडिकल कालेज के डीन का फैक्स नंबर भी इस्तेमाल किया।

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    पीड़ित का आरोप है कि यह गिरोह मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के मेंबर की आड़ में बड़े मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की सीट दिलाने के नाम पर कई राज्यों में ठगी कर रहा है। मामले में पुलिस ने आशीष जयसवाल, रोहन सिंह और रोहित के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित शिक्षक इंद्र कुमार राय इंद्रेश (52) परिवार समेत विकासपुरी में रहते हैं। उनके बेटे शिवम ने वर्ष 2020 में नीट की परीक्षा दी थी, लेकिन कम नंबर आने के कारण उनका सरकारी कालेज में दाखिला नहीं हो पाया था।

    कुछ दिन बाद उन्हें पता चला उनसे भी कम नंबर लाने वाले एक दोस्त को बंगाल के सरकारी कालेज में दाखिला मिल गया है। उन्होंने पूछा तो उनके साथी ने सरकारी कोटे से सीट लेने की बात कही। उसने बताया कि सीट के बदले 15 लाख रुपये दिए हैं। पीड़ित ने फिर तीन लोगों से दाखिला के लिए बात की तो 15 लाख में पटना के एक मेडिकल कालेज में दाखिला कराने का सौदा तय हुआ। दावा था कि दाखिला मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के मेंबर कराएंगे। बाद में उन्हें मौलाना आजाद मेडिकल कालेज में सीट आफर की गई, लेकिन इसके लिए आरोपितों की ओर से 20 लाख रुपये की मांग की गई।

    इस पर वह तैयार हो गए। दिसंबर 2020 में उन्होंने आरोपितों को दो बार में 20 लाख रुपये दे दिए। पीड़ित ने मेडिकल कालेज की वेबसाइट पर देखा तो उन्हें वहां सरकारी कोटे की छह सीट रिजर्व होने का पता चला। वहीं, दाखिला के लिए उनके पास नेशनल मेडिकल कमीशन के आधिकारिक नंबर से फोन आया।

    यही नहीं, कालेज के डीन के फैक्स नंबर से सीट देने की पुष्टि भी हुई। लेकिन शिवम के दाखिले के एक दिन पहले तीनों आरोपितों के फोन बंद हो गए। उन्हें 18 जनवरी को दाखिला लेना था, लेकिन आरोपितों की ओर उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा था। पीड़ित का आरोप है कि आरोपितों ने ठगी के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन के आधिकारिक नंबर और मेडिकल कालेज के डीन के फैक्स नंबर का इस्तेमाल किया है।

    शिवम के साथी का भी नहीं हुआ दाखिला

    पीड़ित ने बताया कि उनके बेटे के दोस्त को भी बंगाल के सरकारी मेडिकल कालेज में सीट नहीं मिली है। उसके साथ भी इसी तरह ठगी हुई है।