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बीमा पॉलिसी के नाम पर फैला रखा था ठगी का जाल, भाई-बहन गिरफ्तार

गिरोह से बीमा कंपनियों के कुछ कर्मचारी जुड़े हो सकते हैं, जो बीमा धारकों का पूरा डाटा देते थे। यह गिरोह उन लोगों को ठगता था, जिनका प्रीमियम जमा नहीं हुआ या उसमें देरी हुई है।

By Amit MishraEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 08:45 PM (IST)
बीमा पॉलिसी के नाम पर फैला रखा था ठगी का जाल, भाई-बहन गिरफ्तार
बीमा पॉलिसी के नाम पर फैला रखा था ठगी का जाल, भाई-बहन गिरफ्तार

नई दिल्ली [जेएनएन]। बीमा पॉलिसी के प्रीमियम (किस्त) में भारी छूट का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले भाई-बहन को पूर्वी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने धर दबोचा। आरोपियों की पहचान विनोद नारंग (24) और कविता (23) के रूप में हुई है। दोनों दिल्ली के कराला गांव के रहने वाले हैं और विनोद पेशे से इंजीनियर है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह अब तक सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है। अब गिरोह के सरगना और अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।

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10 फीसद छूट मिलेगी

पुलिस उपायुक्त ओमवीर सिंह ने बताया कि मयूर विहार निवासी एक बुजुर्ग ने ठगी की शिकायत दी। उन्होंने बताया कि उनके पास शालिनी नाम की एक महिला ने फोन कर खुद को मैक्स इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताया। उसने कहा कि उनकी सालाना एक लाख रुपये की प्रीमियम का भुगतान नहीं हुआ है। अगर वह उसके माध्यम से भुगतान करेंगे तो उन्हें 10 फीसद छूट मिलेगी। उन्होंने महिला द्वारा बताए गए खाते में 90 हजार रुपये डाल दिए, लेकिन प्रीमियम के लिए फिर से फोन आने लगे तो उन्हें ठगी का पता चला।

कॉल सेंटर पर छापेमारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन राकेश दीक्षित के नेतृत्व में स्पेशल स्टाफ में इंस्पेक्टर विदेश सिंघल, एसआइ अरुण सिंधु की टीम का गठन किया गया। टीम ने टेक्नीकल सर्विलांस से मिली लोकेशन के आधार पर उत्तम नगर स्थित एक कॉल सेंटर पर छापेमारी कर विनोद और कविता को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि गिरोह का सरगना लखनऊ में रहता है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने लखनऊ में छापेमारी की, लेकिन पूर्व सूचना मिल जाने से वह साथियों के साथ फरार हो गया। पुलिस को वहां से 15 कंप्यूटर मिले।

बीमा कंपनियों से लेते थे डाटा

पुलिस की मानें तो गिरोह से बीमा कंपनियों के कुछ कर्मचारी जुड़े हो सकते हैं, जो बीमा धारकों का पूरा डाटा देते थे। यह गिरोह उन लोगों को ठगता था, जिनका प्रीमियम जमा नहीं हुआ या उसमें देरी हुई है। गिरोह के सदस्य उन लोगों को फोन कर छूट देने का झांसा देकर ठगी करते थे। आरोपितों के निशाने पर अधिक उम्र वाले लोग ही रहते थे।

भारी मात्रा में बरामदगी

पुलिस ने आरोपियों के दिल्ली और लखनऊ स्थित ठिकानों पर छापेमारी कर 15 कंप्यूटर, 48 हजार रुपये, 10 मोबाइल फोन, भारी संख्या में बीमा धारकों का डाटा, तीन लैपटॉप, छह सिम, पांच डेबिट कार्ड, दो पासबुक, चेकबुक, फर्जी पहचान पत्र, तीन पैन कार्ड और विजिटिंग कार्ड आदि बरामद किए हैं। 

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