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    Delhi: साउथ एशियन विश्वविद्यालय के चार प्रोफेसर निलंबित, छात्रों के विरोध प्रदर्शन को भड़काने का लगा आरोप

    By Edited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 22 Jun 2023 12:04 AM (IST)

    साउथ एशियन विश्वविद्यालय (एसएयू) ने चार प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है। उन पर नियमों के उल्लंघन और पिछले वर्ष हुए छात्रों के प्रदर्शन को भड़काने का आरोप लगा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है कि प्रोफेसर कितने समय तक निलंबित रहेंगे। कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय ने उन्हें नौ शर्तें मानने को कहा है। JNU के शिक्षक संघ और कई छात्र संगठनों ने इसका विरोध जताया है।

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    साउथ एशियन विश्वविद्यालय (एसएयू) ने चार प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। साउथ एशियन विश्वविद्यालय (एसएयू) ने चार प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है। उन पर नियमों के उल्लंघन और पिछले वर्ष हुए छात्रों के प्रदर्शन को भड़काने का आरोप लगा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया है कि प्रोफेसर कितने समय तक निलंबित रहेंगे।

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    कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय ने उन्हें नौ शर्तें मानने को कहा है। उन्हें कार्यालय खाली करने हैं। लैपटाप जमा करने हैं और वे रोज हस्ताक्षर के लिए एसएयू आएंगे और बिना अनुमति के शहर को नहीं छोड़ पाएंगे, ये शर्तें इनमें शामिल हैं। विश्वविद्यालय की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ और कई छात्र संगठनों ने इसका विरोध जताया है।

    क्यों कर रहे थे छात्र प्रदर्शन?

    साउथ एशियन विश्वविद्यालय दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय संगठन (सार्क) के अंतर्गत आता है। पिछले वर्ष यहां स्नातकोत्तर में भी स्कॉलरशिप देने का प्राविधान था। यह स्कॉलरशिप पांच हजार रुपये दी जाती है। इसे घटाकर चार हजार कर दिया गया था। इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे।

    पीएचडी की स्कॉलरशिप को बढ़ाने की मांग छात्र कर रहे थे। इसके अलावा वे लैंगिक असमानता और यौन शौषण के मामलो में बनाई गई समितियों में छात्र प्रतिनिधित्व की मांग भी कर रहे थे। शिक्षकों पर छात्रों को भड़काने का आरोप लगाया गया है। इसके आधार पर उन पर कार्रवाई की गई है।

    16 जून को निलंबन का पत्र उन्हें दिया गया है। इसमें नियमों के खंड 7.8 और 38 का हवाला है, जो विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को नियमों के उल्लंघन पर प्रोफेसरों को निलंबित करने की शक्ति देता है। निलंबित किए गए चार प्रोफेसर स्नेहाशीष भट्टाचार्य (अर्थशास्त्र संकाय), श्रीनिवास बुर्रा (कानूनी अध्ययन संकाय), इरफानुल्लाह फारूकी और रवि कुमार (सामाजिक विज्ञान संकाय) हैं। इस बारे में जानकारी के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव और पीआरओ को मेल किया गया है। देर रात तक उनकी प्रतिक्रिया नहीं आई थी।

    छात्रों ने किया था लंबा प्रदर्शन

    एसएयू की स्थापना 2010 में आठ सार्क सदस्य देशों - भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यह स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रम प्रदान करता है।

    2022 में छात्रों ने कम की गई मासिक स्कॉलरशिप और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। 13 अक्टूबर को मामले में एसएयू प्रशासन ने पुलिस को बुला लिया। इसके विरोध में 13 प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर मामले को आंतरिक बताते हुए बातचीत से हल करने की मांग की।

    चार नवंबर को पांच छात्रों को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद 15 प्रोफेसरों ने ईमेल विश्वविद्यालय की छवि खराब होने की बात कही गई। उन्होंने निर्णय को मनमाना बताया। विश्वविद्यालय से पूरे मामले को देखने के लिए एक समिति बनाने का भी अनुरोध किया था। जिन पर कार्रवाई की गई है, ईमेल करने वालों में वे शामिल थे।

    150 प्रश्नों के जवाब मांगे गए

    निलंबित हुए प्रोफेसरों ने कहा, उन्हें बुलाकर 150 प्रश्नों के उत्तर मांगे गए। इनमें छात्रों के साथ शामिल होने जैसे प्रश्न शामिल थे। उन्होंने कहा, यह विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ था। उन्होंने मेल के जरिये प्रश्न पूछे जाने और जवाब के लिए समय की मांग की, लेकिन अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के बाद ऐसी शर्तें लगाई हैं कि वे अपराधी हैं। उन्होंने कहा, वे अपने अधिवक्ता से राय ले रहे हैं।