Delhi Pollution: लोगों को बीमार कर रहा प्रदूषण, 10 में से चार परिवार लगा रहे डॉक्टरों के चक्कर; AQI 400 के पार
दिल्ली में सांसों पर संकट बना हुआ है। राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में धुंध और कोहरे की चादर छाई हुई है। वायु प्रदूषण से लोगों को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। एक सर्वे के मुताबिक राजधानी में दस में से चार परिवार डॉक्टरों के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं एनसीआर में 33% लोग कफ सिरप ले रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण के चलते हर 10 में से चार परिवार चिकित्सकों के चक्कर लगा रहे हैं। चिंताजनक स्थिति यह कि ये परिवार पिछले तीन हफ्ते से इलाज व दवा ले रहे हैं। इसमें से नौ प्रतिशत ने सीधे क्लीनिक या अस्पताल जाकर चिकित्सकीय सलाह लेने की जगह सोशल मीडिया के माध्यम से चिकित्सक से सलाह ली है।
एनसीआर में दीपावली के आस-पास से वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर हुई है। सर्वेक्षण के अनुसार, इस तरह वायु प्रदूषण की समस्या के चलते 47% लोगों ने वायु प्रदूषण संबंधित दवाएं या उपकरण खरीदे। यह आंकड़े लोकल सर्कल नामक एक सर्वे संस्थान के है।
दिल्ली-एनसीआर के 33% लोग ले रहे कफ सिरप
सोशल मीडिया के माध्यम से उसने दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम व फरीदाबाद के 21 हजार लोगों की राय जानी। सर्वे में सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर के 33% लोग कफ सिरप ले रहे हैं, जबकि 20% ने पैरासिटामाल, 13-13% इनहेलर व नेबुलाइजर, 13% एंटीबायोटिक समेत अन्य का इस्तेमाल किया है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बरकरार
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। आज मंगलवार सुबह दिल्ली के कई इलाकों का एयर इंडेक्स चार सौ के पार कर गया। एक्यूआईसीएन के अनुसार, मंगलवार सुबह सात बजे आनंद विहार का एक्यूआई 420, जहांगीरपुरी का एक्यूआई 424, ओखला का 301 और मेजर ध्यानचंद स्टेडिमयम का 254 दर्ज किया गया है।
इससे पहले, सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 350 के ऊपर दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता लगातार 13वें दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही बनी रही। वायु प्रदूषण बढ़ने से दिन-प्रतिदिन हवा दमघोंटू हो रही है, लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण को रोकने के लिए विशेष इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
मलबे के ढेर से यमुनापार का वातावरण हो रहा प्रदूषित
यमुनापार में जगह-जगह पड़े मलबे के ढेरों को देखकर लगता है कि नगर निगम सक्रिय रूप से काम नहीं कर रहा है। मलबे के ढेर से उड़ने वाली धूल ने प्रदूषण के साथ-साथ लोगों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को भी बढ़ा दिया है। कड़कड़ी मोड़, मयूर विहार फेज-तीन, कोटला रोड, गाजीपुर पर मलबे के ढेर लगे हुए हैं। जिसके कारण लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कत व त्वचा रोगों का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ इलाकों में वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए खास कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कोटला रोड पर मलबे के ढेर लगे हुए हैं। जिससे उड़ती धूल के कारण यहां से गुजरने वालों को दिक्कत हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबा पड़े हुए करीब एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। हवा चलने पर धूल उड़कर घरों तक पहुंच रही है। खजूरी चौक पर मिट्टी की परतें जमा हो रखी हैं, लोनी रोड पर जगह-जगह मिट्टी के ढेर पड़े हुए हैं।
मुंह और नाक को ढक कर चलते हैं लोग
मयूर विहार फेज-तीन में एक पार्क के सामने मलबे का ढेर पड़ा हुआ था। इसमें कचरा भी था। खाने की तलाश में बेसहारा पशु इसमें भटकते रहते हैं और वे मलबे के ढेर को सड़क तक फैला देते हैं। स्थानीय निवासी श्रीनिवास ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से बचने के लिए मुंह और नाक को ढककर चलते हैं।
नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए निगम सक्रिय है। जगह-जगह प्रतिदिन पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। शिकायत मिलने पर मलबे के ढेर को शास्त्री पार्क स्थित सी एंड डी वेस्ट प्लांट में निस्तारण के लिए डलवा देते हैं। जल्द ही कोटला रोड, मयूर विहार फेज-तीन व अन्य जगहों से भी मलबा उठवा दिया जाएगा।
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