Excise Policy 2021-22: आबकारी नीति के विवाद को लेकर अनिल बैजल ने तोड़ी चुप्पी, बोले सरकार के सभी गैरकानूनी फैसलों पर सवाल उठाया
Excise Policy 2021-22 आबकारी विभाग का भी दायित्व संभाल रहे सिसोदिया ने बीते शनिवार को अनिल बैजल पर आबकारी नीति पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया था। सिसोदिया ने कहा था कि बैजल के फैसले से कुछ लाइसेंसधारियों को लाभ हुआ।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली आबकारी नीति विवाद के बीच पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उनपर लगे आरोपों पर चुप्पी तोड़ ही दी। बैजल ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा आबकारी नीति 2021-22 (Excise Policy 2021-22)के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सरासर झूठ, निराधार और दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया।
दिल्ली सरकार द्वारा यह आबकारी नीति लाए जाने के समय बैजल उपराज्यपाल थे। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने पूर्व उपराज्यपाल के जवाब को मूल मुददे से भटकाने वाला बताया है।आबकारी विभाग का भी दायित्व संभाल रहे सिसोदिया ने बीते शनिवार को अनिल बैजल पर आबकारी नीति पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया था। सिसोदिया ने कहा था कि बैजल के फैसले से कुछ लाइसेंसधारियों को लाभ हुआ, जबकि दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बैजल ने बेहद कड़ा बयान जारी कर कहा कि सिसोदिया द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप एक हताश व्यक्ति का खुद को बचाने के लिए किया जा रहा प्रयास है। सिसोदिया द्वारा निजी कंपनियों का पक्ष लेने के आरोपों पर पूर्व एलजी ने कहा कि उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के सभी गैरकानूनी फैसलों पर सवाल उठाए थे। सिसोदिया अपने और अपने सहयोगियों के कृत्यों तथा गलतियों से बचने के लिए बहाने खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
बैजल ने आप सरकार के दावों को खारिज करते हुए यह भी कहा कि समय और जांच से सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।उन्होंने कहा कि नान-कन्फर्मिंग एरिया में शराब की दुकानों की अनुमति नहीं देने के मामले में मैंने देश के कानून को बनाए रखने की संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। दिल्ली में आज भी कोई कानून नान-कन्फर्मिंग एरिया में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं देता है।
बैजल के इस बयान पर दिल्ली सरकार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। सरकार का कहना है कि, वास्तविक मुद्दे से भटकने के बजाय, पूर्व एलजी को जवाब देना होगा कि दुकानें खोलने से ठीक 48 घंटे पहले उन्होंने अपना रुख क्यों बदला? उन्होंने जानबूझकर सरकार को इतना नुकसान क्यों पहुंचाया और चयनित लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ क्यों दिया? उन्हें कैबिनेट और खुद एलजी द्वारा पारित नीति के खिलाफ स्टैंड लेने के लिए किसने मजबूर किया?
सहयोगियों पर लगाम लगाएं सीएम
सक्सेना बैजल की सफाई के बाद वर्तमान एलजी वीके सक्सेना ने भी इस संदर्भ में कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती अनिल बैजल के खिलाफ उपमुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए 'जानबूझकर गुमराह करने वाले' और 'निराधार' आरोपों पर मंगलवार को गंभीर आपत्ति जताई।
राजनिवास ने ट्वीट किया, 'एलजी वीके सक्सेना ने पूर्व एलजी अनिल बैजल द्वारा जारी स्पष्ट बयान को पढ़कर पिछले कुछ दिनों में बैजल के खिलाफ मनीष सिसोदिया और अन्य आप नेताओं द्वारा जानबूझकर भ्रामक, आधारहीन और प्रेरित आरोपों पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की है ।' ट्वीट में कहा गया है, 'सक्सेना ने मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि सरकार और पार्टी में उनके सहयोगी इस तरह के तुच्छ व्यवहार और बयानों से दूर रहें।