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    Delhi Election Result : दिल्ली में AAP की हार के लिए कौन है जिम्मेदार? पूर्व सहयोगी प्रशांत भूषण ने बताई वजह

    अब हर तरफ इस बात की चर्चा है कि लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाली अरविंद केजरीवाल की पार्टी दिल्ली चुनाव कैसे हार गई। अब इस बारे में सब कुछ सामने आ गया है। पार्टी से निष्कासित सह-संस्थापक और वकील प्रशांत भूषण ने इसकी वजह साफ कर दी है। उन्होंने आम आदमी पार्टी की हार के लिए केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है।

    By Rajesh KumarEdited By: Rajesh KumarUpdated: Sun, 09 Feb 2025 05:06 PM (IST)
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    प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी की हार के लिए केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया

    डिजिटल डेस्क,जागरण। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होते ही तीन बार सत्ता में रही आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीं, भारतीय जनता पार्टी 27 साल बाद दिल्ली की गद्दी पर बैठने में सफल रही। अब हर तरफ इस बात की चर्चा है कि लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाली अरविंद केजरीवाल की पार्टी दिल्ली चुनाव कैसे हार गई।

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    अब इस बारे में सब कुछ सामने आ गया है। पार्टी से निष्कासित सह-संस्थापक और वकील प्रशांत भूषण ने इसकी वजह साफ कर दी है। उन्होंने आम आदमी पार्टी की हार के लिए केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है।

    उन्होंने एक पोस्ट में कहा, "दिल्ली में आप की हार के लिए केजरीवाल काफी हद तक जिम्मेदार हैं। वैकल्पिक राजनीति के लिए बनी एक पार्टी जिसे पारदर्शी, जवाबदेह और लोकतांत्रिक माना जाता था, उसे अरविंद ने जल्द ही एक अपारदर्शी और भ्रष्ट पार्टी में बदल दिया, जिसके मुखिया एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने लोकपाल की मांग नहीं की और अपने ही लोकपाल को हटा दिया।"

    '45 करोड़ रुपये का शीश महल बनवाया'

    उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने (केजरीवाल ने) अपने लिए 45 करोड़ रुपये का शीश महल बनवाया और लग्जरी कारों में घूमने लगे। उन्होंने आप द्वारा गठित विशेषज्ञ समितियों की 33 विस्तृत नीति रिपोर्टों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पार्टी समय आने पर उचित नीतियां अपनाएगी। उन्हें लगता था कि राजनीति केवल दिखावे और प्रचार से ही की जा सकती है। यह आप के अंत की शुरुआत है। नीचे वह पत्र है जो मैंने उन्हें छोड़ते समय लिखा था।"

    आप पोस्ट के जरिए पत्र को पढ़ सकते हैं।

    पूराने स्थिति में पहुंचा AAP

    उल्लेखनीय है कि दिल्ली के दम पर देश में अपना राजनीतिक आधार बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही आम आदमी पार्टी (आप) को दिल्ली में बुरी तरह हारने के बाद अपने विस्तार कार्यक्रम में झटका लगा है। आप भी आज उसी स्थिति में पहुंच गई है, जहां 10 साल पहले थी।

    सिर्फ एक राज्यों में बची सरकार

    दूसरे शब्दों में कहें तो 10 साल पहले आप की सरकार सिर्फ एक राज्य में थी, अब फिर से उसकी सरकार सिर्फ एक राज्य यानी पंजाब में है। आम आदमी पार्टी वह पार्टी है, जो दिल्ली के दम पर देश पर राज करने की रणनीति पर काम कर रही थी। आप ने दिल्ली में किए गए विकास कार्यों का दावा करके अलग-अलग राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।

    पंजाब में उसने सरकार बनाई, गुजरात, गोवा और यहां तक ​​कि जम्मू-कश्मीर में भी आप के विधायक हैं। कई राज्यों में नगर निगम पार्षद भी चुनाव जीत चुके हैं। दिल्ली का असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ सकता है, लेकिन दिल्ली में जिस तरह से आप को हार का सामना करना पड़ा है, उससे पार्टी के देशभर में विस्तार के सपने पर असर पड़ा है।

    राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस स्थिति से उबरने में आप को अभी समय लग सकता है। आप को अब दो स्तरों पर संघर्ष करना होगा, एक तो दिल्ली में सत्ता में वापसी उसके लिए बड़ी चुनौती होगी, वहीं देशभर में पार्टी का विस्तार भी एक और चुनौती होगी। राजनीतिक जानकार तो यहां तक ​​कह रहे हैं कि आने वाले समय में दिल्ली का असर दूसरे राज्यों यानी पंजाब पर भी पड़ सकता है।

    बीजेपी को 48 सीटें मिलीं

    आपको बता दें कि दिल्ली में आप को सिर्फ 22 सीटें मिलीं, जो बहुमत से काफी कम है। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आप को 36 सीटों की जरूरत थी। वहीं, बीजेपी ने 48 सीटें जीती हैं। बीजेपी दिल्ली में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर चर्चा चल रही है। जल्द ही नाम फाइनल हो जाएगा। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी।