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फर्जी डिग्री मामले में बड़ी मछलियो का पता लगाने में जुटी पुलिस

- पुलिस ने फर्जी डिग्री लेने वाले लोगो से सामने आने की अपील की - साइबर सेल की मदद से छानबी

By Edited By: Published: Tue, 30 Jan 2018 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jan 2018 07:53 PM (IST)
फर्जी डिग्री मामले में बड़ी मछलियो का पता लगाने में जुटी पुलिस
- पुलिस ने फर्जी डिग्री लेने वाले लोगो से सामने आने की अपील की <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> - साइबर सेल की मदद से छानबीन मे जुटी पुलिस <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> फर्जी डिग्री मामले मे आगे की तहकीकात मे अब पुलिस साइबर सेल की मदद लेने के साथ-साथ उन लोगो का पता लगाने में जुटी है, जो कि इस गिरोह के माध्यम से डिग्री हासिल कर चुके है। पुलिस को उम्मीद है कि इस खुलासे के बाद अब बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आएंगे, खासकर ऐसे लोग जो गिरोह से डिग्री हासिल करने के बाद अब इनके आधार पर कही न कही नौकरी कर रहे है। <ढ्डह्म> पुलिस अधिकारियो के अनुसार, अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है, वे छोटी मछली भर है। बड़ी मछलियां अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। अब तक की छानबीन से पुलिस को पता चला है कि यह गिरोह वाट्सएप या अन्य माध्यमो से ही जुड़ा रहता था। गिरोह के सदस्य एक दूसरे के आमने सामने कम ही आते थे। ऐसे में अब आगे की जांच में टेक्नीकल सर्विलांस की अहम भूमिका होगी। अब तक पुलिस को जो नंबर हासिल हुए है, उसके आधार पर पुलिस इस पूरे मामले में एक चेन तैयार करने में जुटी है, ताकि कड़ी दर कड़ी वह बड़ी मछलियो तक पहुंच सके। <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> नही आएंगे सामने तो फंसेगे :<ढ्डह्म> <ढ्डह्म> पुलिस अधिकारियो का कहना है कि ऐसे लोग जो इस गिरोह से डिग्री खरीद कर कही नौकरी कर रहे है या डिग्री के आधार पर किसी सरकारी योजना का लाभ ले रहे है, उन्हें पुलिस के सामने अब हर हाल में आना होगा। यदि वे ऐसा नही करते है तो कानून के शिकंजे में फंस सकते है। बेहतर यही है कि वे सामने आएं और पुलिस को तहकीकात में मदद करें। यदि वे ऐसा नही करेंगे तो इसका मतलब यह समझा जाएगा कि वे भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है। <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> कई स्तरो पर काम करता है गिरोह :<ढ्डह्म> <ढ्डह्म> पुलिस के अनुसार, गिरोह कई स्तर पर काम करता है। सबसे नीचे के पायदान पर वह व्यक्ति है जिसने डिग्री खरीदा और सबसे ऊंचे पायदान पर वे लोग है, जो डिग्री जारी करते है। जांच मे यह भी मालूम चला है कि गिरोह एक बार मे दस से कम डिग्री जारी नही करता था। बिचौलिये एक डिग्री के एवज में ग्राहक की हैसियत के हिसाब से लाखो रुपये तक वसूलते थे। पुलिस के लिए इन बिचौलिये तक पहुंचा टेढ़ी खीर है। <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> इन संस्थानो के नाम से संचालित हो रहे थे वेबसाइट :<ढ्डह्म> <ढ्डह्म> - बोर्ड ऑफ सेकेडरी एजुकेशन, आंध्र प्रदेश<ढ्डह्म> - यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद<ढ्डह्म> - यूपी स्टेट बोर्ड<ढ्डह्म> - कर्नाटक स्टेट काउंसिल ऑफ इंटरमीडिएट एंड हायर एजुकेशन, मैसूर<ढ्डह्म> - दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ हायर एजुकेशन, मुरथल, सोनीपत, हरियाणा<ढ्डह्म> - पंजाब स्टेट ओपन स्कूल<ढ्डह्म> - नार्दन काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रे¨नग<ढ्डह्म> - बाबा साहब अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट<ढ्डह्म> - पारा मेडिकल काउंसिल (इंडिया)<ढ्डह्म> - काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन<ढ्डह्म> - मिजोरम बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन<ढ्डह्म> - मेघालय यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - सिक्किम यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - दिल्ली बोर्ड ऑफ सेकेडरी एजुकेशन<ढ्डह्म> - थिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ऑफ ऑफिसियल साइट<ढ्डह्म> - नॉर्थ ओडिसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी<ढ्डह्म> - कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - दिल्ली बोर्ड ऑफ सेकेडरी एजुकेशन<ढ्डह्म> - कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - तमिलनाडु यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - गुवाहाटी यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - जे एंड के बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन इंडिया<ढ्डह्म> - गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड मैनेजमेंट, होशियारपुर, पंजाब<ढ्डह्म> - महामाया टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, नोएडा<ढ्डह्म> - आयुष एंड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी ऑफ छलाीसगढ़, रायपुर<ढ्डह्म> - द तमिलनाडु डॉ एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी<ढ्डह्म> - संबलपुर यूनिवर्सिटी, ओडिसा<ढ्डह्म> <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> मामले पर एक नजर : <ढ्डह्म> <ढ्डह्म> हरिनगर थाना पुलिस ने पैसे लेकर फर्जी डिग्री बेचने के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियो को गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में करीब 40 हजार लोगो को फर्जी डिग्री बेचने का पता चला है। गिरोह के तार पूरे भारत में फैले हैं। <ढ्डह्म>

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