Yamuna Flood: यमुना और नाले के पानी में डूबीं तीन गांव की फसल, बीमा न होने से किसानों को भारी नुकसान
यमुना और नाले के पानी से दिल्ली के तीन गांवों में फसलें डूब गईं। मामूरपुर बख्तावरपुर और पल्ला गांव में लगभग दो सौ एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई। फसल बीमा न होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और वे सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जलभराव से धान और सब्जियों की फसलें खराब हो गई हैं।

दीपक, बाहरी दिल्ली। हरियाणा की सीमा सटे दिल्ली के गांवों में यमुना और नाले का पानी घुसने से धान व सब्जी की फसलें बर्बाद हो चुकी है। मामूरपुर, बख्तावरपुर और पल्ला गांव में लगभग दो सौ एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई।
फसल पानी में डूूबन से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। जलजमाव के बाद किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। मामूरपुर गांव में आठ नंबर नाला टूटने की वजह से गंदा पानी खेतों में घुस गया। जबकि, बख्तावरपुर और पल्ला गांव में यमुना नदी के पानी ने फसलों को छुबोया।
नरेला के मामूरपुर गांव में लगभग दो सौ एकड़ जमीन पर कृषि है, जिसमें से डेढ़ सौ एकड़ पर खेतों में पानी भरा हुआ है। जलभराव से लगभग सौ एकड़ में धान की फसल खराब हो गई। 50 एकड़ पर गोभी, घीया, बैंगन की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है।
पल्ला और बख्तावरपुर गांव में भी यमुना का पानी ओवरफ्लो होने के बाद खेतों में घुस गया। जिसके बाद खेतों में धान की फसल पानी में गिर गए। खेतों में लगभग दो फीट पानी है। जिसके कारण धान और सब्जियों की फसलें खराब हो चुकी है।
इन गांवों में धान, ज्वार, घीया, तोरी, गोभी, बैगन और पालक फसलें थी। जो पूरी तरह से जलमग्न होने की वजह से बर्बाद हो चुकी है। फसल बीमा न होने की वजह से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसी स्थिति में किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे है। साथ ही प्रशासन से खेतों से जलनिकासी के लिए मदद की गुहार लगा रहे है।
लगातार वर्षा के बाद नदी व नाले ऊफान पर है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली के नालों को बंद कर दिया गया। जिसके कारण नालों का पानी ओवरफ्लो होकर बाहर आ रहा है और यमुना नदी के आसपास के क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है। जिसका प्रभाव दिल्ली के गांव पर दिखाई दे रहा है।
मेरी पांच एकड़ की जमीन पर धान, घीया और बैंगन की फसल थी। जो नाले के गंदे पानी से बिल्कुल सारी खराब हो चुकी है। तीन एकड़ भूूमि जलमग्न है।
सतपाल, मामूरपुर
मेरे पास 15 से 16 एकड़ जमीन है। जिनमें से 11 से 12 एकड़ खेत डूब चुके है। जिनमें धान और ज्वार की फसल थी। मजबूरन खेतों में ट्रैक्टर जाना पड़ रहा है। आठ नंबर नाले का गंदा पानी खेतों में भरा हुआ है। लगभग 50 से 60 हजार एयरो प्रति एकड़ के अनुसार नुकसान हुआ है। हमारी फसल का कोई बीमा नहीं है। प्रशासन हमारी मदद करे और मुआवजा दे।
धर्मपाल, मामूरपुर
12 एकड़ जमीन पर खेती है, जिनमें चार एकड़ धान, तीन एकड़ में तोरी, डेढ़ एकड़ पालक और डेढ़ एकड़ फूल गोभी की फसल है। जिनमें यमुना नदी का डेढ़ से दो फीट पानी गया। पानी भरने से धान की फसल तो नहीं। लेकिन सब्जियों की फसल खराब हो गई।
राहुल, पल्ला
मैं 10 एकड़ जमीन पर खेती करता हूं। जिनमें लगभग तीन फीट से ज्यादा पानी है। मामूरपुर में तकरीबन डेढ़ सौ एकड़ में पानी भरा हुआ है और कई खेतों में सात से आठ फीट पानी है। हमें फसल बीमा योजना के बारे में पता ही नहीं है।
जगमोहन भारतद्वाज, मामूरपुर
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